मधेपुरा जिले में बाढ़ का खतरा अभी बरकरार है । जिले के उत्तरी भाग यानी कुमारखंड, शंकरपुर, ग्वालपाडा एवम उदाकिशुनगंज आदि में जो बाढ़ आई वह अररिया, फारबीसगंज के बाढ़ के पानी से जुड़ा था ।
इस बाढ़ में कमी
आई है। लेकिन जो बाढ़ कोशी नदी के तटबंधों से खगड़िया में गंडक आदि नदियों के पानी
के साथ आलमनगर, चौसा
में आई है, वहाँ
पानी बढ़ ही रहा है । लोग बताते हैं कि इस
बार का बाढ़ 1987
के बाढ़ के समान है । सम्भव है इस बार कोशी की नदियाँ अपनी राह में कुछ बदलाव करे
और जो नदी मृतप्राय ही चुकी थी, वह फ़िर से जलमय हो जाय ।
जिलाधिकारी मु सोहैल ने शुक्रवार कॊ पत्रकार वार्ता करते हुए उपरोक्त बातें
कही । उन्होंने बताया कि जिले के चौसा, आलमनगर, कुमारखंड, मुरलीगंज, ग्वालपाड़ा, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा, शंकरपुर के बाद अब बिहारीगंज प्रखंड में भी बरबादी मचा रही
है । जिले के 61पं
चायतों में बाढ़ का पानी पहुँच चुका है । एक दर्जन पंचायत तो पूरी तरह बाढ़ पीडित
हो चुका है । अभी 143 गाँव बाढ़ प्रभावित हैं
जिसमें एक लाख सत्ताईस हजार लोग प्रभावित हैं । बाढ़ पीडितों के लिये 102 नाव, एक दर्जन मोटर बोट लगाये गये है जबकि 24 राहत केन्द्र सरकारी स्तर पर चलाये जा रहे हैं । इन
केन्द्रों पर तेरह हजार से अधिक लोग राह रहे हैं जबकि खाना खाने आसपास के लोग भी
केन्द्रों पर आ कर खाना खा रहे हैं । इन केन्द्रों पर हर सम्भव सुविधायें उपलब्ध
कराई गई है । इसके अतिरिक्त बाढ़ पीडितों के बीच लगातार फ़ूड पैकेट बांटे जा रहे
हैं । अबतक 35 हजार
से अधिक पैकेट बांटे जा चुके हैं ।
उन्होने बताया कि जहाँ पानी कम हुआ है वहाँ सड़क कॊ यातायात योग्य बनाने काम
शुरू हो चुका है । हम और हमारे पदाधिकारी लगातार निरीक्षण कर समस्यायों कॊ दूर कर
रहे है । राहत वितरण कार्य में हमारे पंचायतों के मुखिया, वार्ड सदस्य, समिति सदस्य आदि सराहनीय सहयोग कर रहे हैं ।
सुनिए इस वीडियो में, क्या कहा जिलाधिकारी ने, यहाँ क्लिक करें.
मधेपुरा में बाढ़ की स्थिति: नौ प्रखंड के 143 गाँव बाढ़ प्रभावित, सुनिए जिलाधिकारी को
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 18, 2017
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