रंगो का पर्व होली को शांतिपूर्ण तरीके से मनाये जाने को लेकर चौसा थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता थाना अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ने की। मौके पर उपस्थित प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने कहा कि होली पर्व शांति व सद्भाव का त्यौहार है। रंग-गुलाल का यह पर्व प्यार का पैगाम है। जिसमें सभी मिल जुल कर आपसी प्यार बढ़ाना है। सम्मान जनक तरीके से होली में रंग गुलाल उड़ाना है। उन्होंने कहा कि होलिका दहन की रात्रि में सार्वजनिक स्थानों चौक- चौराहों, चौपालों पर होलीका बनाकर होलिका दहन की जाती है। होलिका दहन के समय लोगों के द्वारा लोक संगीत यानी फगवा गाया जाता है। कभी-कभी इस गायकी में अश्लील शब्दों का प्रयोग भी किए जाने से विवाद उत्पन्न होता है। शरारती तत्वों के द्वारा होलिका दहन के समय जानबूझकर पूर्व विवाद को लेकर दूसरों के सामानों को होलिका दहन में डाल दिया जाता है या उसकी झोपड़ियों में भी आग लगा दी जाती है। जिसमें विवाद उत्पन्न होता है। होलिका दहन की रात्रि में असमाजिक तत्वों के द्वारा मध्यपान की अवस्था में पूर्व शत्रुता अथवा विवाद को लेकर समय से पूर्व होलिका में आग लगा दिए जाने पर विवाद उत्पन्न होता है। इस पर कड़ी निगाह रखने की आवश्यकता है। थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ने कहा कि सम-सामयिक घटनाओं के कारण उत्पन्न सांप्रदायिक तनाव तथा उसके परिणाम स्वरुप बदलते राजनीतिक तथा सामाजिक परिदृश्य के कारण हिंदू मुस्लिम समुदाय के एक दूसरे के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
होली के दिन सामान्यतः लोग रंग अबीर से होली खेलते हैं, पर ऐसा भी देखा गया है कि होली के नाम पर लोग एक दूसरे पर कीचड़, गोबर या पेंट फेकते हैं तथा एक दूसरे के कपड़े फाड़ देते हैं जो विवाद का कारण होता है। इससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। हम लोगों को यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस तरह की हरकत कोई ना करें जो विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो।उन्होंने कहा कि शरारतें तथा असामाजिक तत्वों के द्वारा नशे का सेवन कर अवांछित हरकत की जाती है। हिंदू समुदाय के कुछ अराजक तत्वों के द्वारा जानबूझकर मुस्लिम व्यक्ति पर अथवा मस्जिदों पर रंग या अबीर फेक दिया जाता है। जिसके कारण सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की संभावना बन जाती है। हमें इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए आपसी भाईचारा के तहत होली को शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस पर्व को शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाए। सभी से आग्रह करते हुए कहा कि पर्व को लेकर विधि-व्यवस्था को कहीं से भी कोई आपत्तिजनक सूचना नहीं हो। इसको लेकर सतर्क रहने की जरुरत है।आपसी सदभाव बिगड़ने नहीं पाये। आपसी सद्भाव ही सब कुछ है जिससे प्रेम बढ़ता है।
बैठक में असमाजिक तत्वों के साथ-साथ सांप्रदायिकता भड़काने वाले तत्वों पर कड़ी निगरानी रखते हुए वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्यवाही करने का भी निर्णय लिया गया। अंत में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। सभी लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएँ दी।
इस मौके पर प्रमुख शंभू प्रसाद यादव,जुबैर आलम,पूर्व मुखिया रामदेव सिंह, सुंदेश्वरी यादव, भारत प्रसाद शर्मा,खुर्शीद आलम, पूर्व समिति सुधीर सिंह, चौसा पश्चिमी सरपंच प्रतिनिधि गजेंद्र प्रसाद यादव, चौसा पूर्वी उपसरपंच महेंद्र शर्मा, कैलाश पासवान, मोहम्मद फरीद, लक्ष्मी नारायण मंडल, विनोद पटेल, नरेश ठाकुर निराला, शिव कुमार यादव, अबू सालेह सिद्दिकी, परमानंद मंडल, पूर्व मुखिया श्रवण कुमार पासवान, सूर्य कुमार पटवे, पूर्व समिति प्रफुल्ल कुमार, समिति प्रतिनिधि सुमन कुमार यादव, पूर्व प्रमुख विनोद सिंह, उप प्रमुख शशि कुमार दास, गोपाल यादव, मनोज शर्मा, पूर्व समिति कमलेश्वरी भगत, घनश्याम मिस्त्री, वीरेंद्र कुमार वीरू समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।
‘रंग-गुलाल का यह पर्व प्यार का पैगाम है’: चौसा में शांति समिति की बैठक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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March 11, 2017
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