

नगर परिषद् क्षेत्र के गली-मुहल्लों की बात तो जाने

बता दें कि जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद् के वार्ड संख्या बीस में सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के करीबी विधान पार्षद ललन सर्राफ का घर है. मधेपुरा आगमन पर नीतीश कुमार का यहीं पर हमेशा ठहराव होता है. पर पानी क्या जाने उंच-नीच-भेद-भाव. स्थिति आप खुद तस्वीर में देख सकते हैं. बताया गया कि मधेपुरा जिला मुख्यालय के नगर परिषद् में बिना डीपीआर के ही करोड़ों की लागत से नाला निर्माण कार्य किया गया है. जिससे शहर में जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. सरकारी लापरवाही का आलम यह है कि सड़क से ऊँचा नाला ही बनाया जा चुका है, जिस कारण सड़क पर जल जमाव की नारकीय स्थिति लगातार बनी रहती है. शहर के लोग परेशान हैं. जाएँ तो जाएँ कहाँ? वे कहते हैं कि आँखों के सामने सरकारी राशि की खुलेआम बन्दर बाँट हो रही है.
नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि समस्या के निदान के बजाय थोथी दलील पेश कर आरोप-प्रत्यारोप में ही लगे रहते हैं.
वर्षों पूर्व नगर परिषद् में नाला निर्माण का जिम्मा सरकारी एजेंसी डूडा को सौंपा गया था. जानकारी के अनुसार नगर परिषद् क्षेत्र में वर्षों पूर्व बिना डीपीआर तैयार किये ही सरकारी एजेंसी डूडा ने लगभग चार करोड़ की लागत से नाला निर्माण कार्य किया था. बहुत से नाले सडकों से ऊँचे बना दिए गए जिससे शहर में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है. हैरत की बात तो ये है कि सड़क के दोनों तरफ नाला निर्माण के दौरान नगर परिषद् और जिला प्रशासन ने भी कोई ध्यान नहीं दिया.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर परिषद् के अधिकारी की मिलीभगत से नाला निर्माण कार्यों में जमकर लूट हुई है जिस कारण शहर का ये हाल है. नगर परिषद् के वार्ड संख्यां दस के वार्ड पार्षद पति नजरुल होदा और स्थानीय मनीष कुमार सहित कई लोगों ने नगर परिषद् के अधिकारी पर नाला निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद् अधिकारियों के लूट का केन्द्र बना हुआ है, जिस पर जिला प्रशासन के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. इसलिए शहर का

सांसद प्रत्याशी और बसपा नेता गुलजार कुमार उर्फ़ बंटी यादव क्षुब्ध होकर कहते हैं कि नाला निर्माण के नाम पर पर शहर को साल भर अस्त-व्यस्त कर रखा गया, पर पानी की निकासी कहाँ होगी वहां से काम शुरू नहीं किया गया. जहाँ-तहां काम किया गया और लूट-खसोट और कमीशनखोरी काम में नजर आता है. अब किसने कितने कमीशन खाया, ये वही जाने. गुलजार कहते हैं कि अभी शहर में टाईफाइड और मलेरिया जैसी बीमारी बढ़ रही है. बच्चे कीचड़ और पानी पार करते स्कूल जाते हैं और इन्फेक्शन के शिकार हो जाते हैं.
वहीँ नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी पवन कुमार ने इस बाबत बताया कि पूर्व में करोड़ों की लागत से डूडा ने बिना डीपीआर का हीं नाला निर्माण किया है जिस कारण पानी की निकासी में कठिनाई हो रही है अब नगर विभाग को नये नाला निर्माण को लेकर प्रारूप भेजा गया है आवंटन आते हीं समस्याओं का निदान किया जाएगा.
वहीँ नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी पवन कुमार ने इस बाबत बताया कि पूर्व में करोड़ों की लागत से डूडा ने बिना डीपीआर का हीं नाला निर्माण किया है जिस कारण पानी की निकासी में कठिनाई हो रही है अब नगर विभाग को नये नाला निर्माण को लेकर प्रारूप भेजा गया है आवंटन आते हीं समस्याओं का निदान किया जाएगा.
जलजमाव की समस्या ने शहर की सूरत बिगाड़ी: आम तो आम, ख़ास के घरों में भी घुसा पानी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 06, 2016
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