एक तरफ जहां राज्य में इन दिनो मैट्रिक और इंटर की डिग्री को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहीं जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड के कबीर गंगा उत्क्रमित हाई स्कूल के छात्रो ने व्यवस्था पर ही सवाल खडे कर दिए हैं. छात्रो ने बिना शिक्षक के हाई स्कूल चालू करने पर सवाल उठाये है।.
इसे लेकर बुधवार को बीडी गांव में छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्रो की मांग का लोग समर्थन कर रहे हैं. सवाल यह है कि जब स्कूल में पढाने वाले शिक्षक ही नहीं है तो नामाकंन कैसे ले लिया गया और बच्चो को परीक्षा में बैठा दिया जाता है. इस वजह से प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित कबीर गंगा उच्च विद्यालय के इस बार के मैट्रिक के छात्रो को रिजल्ट गवांना पडा है. बता दें कि इस हाई स्कूल से 50 नामांकित छात्रो ने परीक्षा फॉर्म भरा था. सभी छात्र 2016 के मैट्रिक परीक्षा में सम्मलित हुए, लेकिन परीक्षा में बैठे स्कूल के 50 में महज एक छात्र ही सफलता हासिल कर पाया. और बाकी 49 छात्र फेल हो गए.
परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों का कहना है कि स्कूल में कभी पढाया ही नहीं गया, जिस कारण संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आ सका. छात्रों ने बताया कि उच्च वर्ग के लिए विद्यालय में एक भी शिक्षक योग्य नहीं हैं. मिड्ल स्कूल के शिक्षकों से पढाई संभव नहीं है.
बता दें कि हाल के वर्षो में कबीर गंगा मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है. उत्क्रमण बाद उच्च विद्यालय के लिए भवन का भी निर्माण करा दिया गया. पिछले वर्ष नवम एवं दशम वर्ग में छात्रो का नामाकंन भी हुआ पर छात्रो को पढाई पूरा किए बिना परीक्षा में सम्मलित करा दिया गया. नतीजन बच्चो को परिणाम गवांना पडा.
रिजल्ट से आक्रोशित से बुधवार को शिक्षकों एवं अभिभावकों का गुस्सा भडक उठा. छात्रो ने स्कूल के पास ही बिहारीगंज-योगीराज मुख्य सडक को जाम कर दिया. छात्रा पूनम कुमारी, जुली कुमारी, अभिलाषा कुमारी, आरती कुमारी, पूजा कुमारी सिम्पल कुमारी, स्वीटी कुमारी, खुशबू कुमारी, केंदुला कुमारी, काजल कुमारी आदि का कहना है कि हाई स्कूल बनाये जाने से पहले शिक्षकों की बहाली किया जाना चाहिए था. सरकार ने गांव में हाई स्कूल की स्थापना कर अच्छा काम किया है, लेकिन व्यवस्था पूरी किए बिना स्कूल का संचालन संभव नहीं है. छात्राओ ने मिड्ल स्कूल के शिक्षकों से उच्च वर्ग के छात्रो को ज्ञान बांटने की बात को बेमानी बताया है. उनकी मांग है कि सरकार स्कूलो में शिक्षको की व्यवस्था करे तब ही हाई स्कूल चालू किया जाए. वैसे स्कूल से महज फार्म भरवाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. छात्रो के हंगामे के बाद प्रशासन भी जाग उठा है. उदाकिशुनगंज के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि जल्द ही छात्रो की मांग को पूरा कर व्यवस्था सुदृढ कर दी जाएगी.
इसे लेकर बुधवार को बीडी गांव में छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्रो की मांग का लोग समर्थन कर रहे हैं. सवाल यह है कि जब स्कूल में पढाने वाले शिक्षक ही नहीं है तो नामाकंन कैसे ले लिया गया और बच्चो को परीक्षा में बैठा दिया जाता है. इस वजह से प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित कबीर गंगा उच्च विद्यालय के इस बार के मैट्रिक के छात्रो को रिजल्ट गवांना पडा है. बता दें कि इस हाई स्कूल से 50 नामांकित छात्रो ने परीक्षा फॉर्म भरा था. सभी छात्र 2016 के मैट्रिक परीक्षा में सम्मलित हुए, लेकिन परीक्षा में बैठे स्कूल के 50 में महज एक छात्र ही सफलता हासिल कर पाया. और बाकी 49 छात्र फेल हो गए.
परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों का कहना है कि स्कूल में कभी पढाया ही नहीं गया, जिस कारण संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आ सका. छात्रों ने बताया कि उच्च वर्ग के लिए विद्यालय में एक भी शिक्षक योग्य नहीं हैं. मिड्ल स्कूल के शिक्षकों से पढाई संभव नहीं है.
बता दें कि हाल के वर्षो में कबीर गंगा मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है. उत्क्रमण बाद उच्च विद्यालय के लिए भवन का भी निर्माण करा दिया गया. पिछले वर्ष नवम एवं दशम वर्ग में छात्रो का नामाकंन भी हुआ पर छात्रो को पढाई पूरा किए बिना परीक्षा में सम्मलित करा दिया गया. नतीजन बच्चो को परिणाम गवांना पडा.
रिजल्ट से आक्रोशित से बुधवार को शिक्षकों एवं अभिभावकों का गुस्सा भडक उठा. छात्रो ने स्कूल के पास ही बिहारीगंज-योगीराज मुख्य सडक को जाम कर दिया. छात्रा पूनम कुमारी, जुली कुमारी, अभिलाषा कुमारी, आरती कुमारी, पूजा कुमारी सिम्पल कुमारी, स्वीटी कुमारी, खुशबू कुमारी, केंदुला कुमारी, काजल कुमारी आदि का कहना है कि हाई स्कूल बनाये जाने से पहले शिक्षकों की बहाली किया जाना चाहिए था. सरकार ने गांव में हाई स्कूल की स्थापना कर अच्छा काम किया है, लेकिन व्यवस्था पूरी किए बिना स्कूल का संचालन संभव नहीं है. छात्राओ ने मिड्ल स्कूल के शिक्षकों से उच्च वर्ग के छात्रो को ज्ञान बांटने की बात को बेमानी बताया है. उनकी मांग है कि सरकार स्कूलो में शिक्षको की व्यवस्था करे तब ही हाई स्कूल चालू किया जाए. वैसे स्कूल से महज फार्म भरवाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. छात्रो के हंगामे के बाद प्रशासन भी जाग उठा है. उदाकिशुनगंज के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि जल्द ही छात्रो की मांग को पूरा कर व्यवस्था सुदृढ कर दी जाएगी.
(रिपोर्ट: कुमारी मंजू)
मैट्रिक परीक्षा में बैठे 50 छात्र, पास हुआ 1: स्कूल की व्यवस्था के खिलाफ उबले छात्र
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 11, 2016
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