तेज हवा में हर साल जिले में आग अपना कहर बरपाती है और करोड़ों की संपत्ति सहित कई जानें भी हर साल जाती है. पर मधेपुरा का अग्नि शामक केन्द्र साधनविहीन है और वर्षों से अग्निशामक वाहन खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है.
हैरत की बात ये भी है कि जिले के बी.एन.मंडल स्टेडियम मैदान में वर्षों से बना अग्नि शामक केन्द्र है बदहाल ही नहीं है बल्कि कर्मचारियों के किसी तरह रहने की व्यवस्था स्टेडियम में बने एक कमरे में है. दुखद यह है कि अग्निशामक वाहन में पानी भरने की भी कोई खास व्यवस्था नहीं है और जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिंहेश्वर जाकर वाहन में पानी भरा जाता है. जिसकी वजह से कहीं आग लग जाने के दौरान घंटो बाद अग्नि शामक यंत्र वाहन पहुँचती है और तब तक आग से जलकर राख हो जाती है लाखों व करोड़ों की संपत्ति.
स्थानीय कई लोगों का मानना है कि अग्नि शामक केन्द्र रहने व नहीं रहने से कोई फर्क नहीं है और ये सिर्फ दिखावे की वास्तु बनकर रह गई है. हमने कई बार पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय से अग्नि शामक केन्द्र की चरमराती व्यवस्था पर बात की लेकिन आज तक समस्याओं का निदान नहीं हो सका है. अब जिलाधिकारी मो सोहैल से भी मांग करना चाहते है कि कम से कम स्टेडियम में ही कही बोरिंग की व्यवस्था हो ताकि वाहन में पानी भरने में ज्यादा समय नहीं लगे और साथ ही अग्निशामक वाहनों और कर्मचारियों की संख्यां भी बढ़ाई जाय ताकि इनके घटनास्थल पर पहुँचने से पहले ही आग अपना सम्पूर्ण तांडव न दिखा सके.
हैरत की बात ये भी है कि जिले के बी.एन.मंडल स्टेडियम मैदान में वर्षों से बना अग्नि शामक केन्द्र है बदहाल ही नहीं है बल्कि कर्मचारियों के किसी तरह रहने की व्यवस्था स्टेडियम में बने एक कमरे में है. दुखद यह है कि अग्निशामक वाहन में पानी भरने की भी कोई खास व्यवस्था नहीं है और जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिंहेश्वर जाकर वाहन में पानी भरा जाता है. जिसकी वजह से कहीं आग लग जाने के दौरान घंटो बाद अग्नि शामक यंत्र वाहन पहुँचती है और तब तक आग से जलकर राख हो जाती है लाखों व करोड़ों की संपत्ति.
स्थानीय कई लोगों का मानना है कि अग्नि शामक केन्द्र रहने व नहीं रहने से कोई फर्क नहीं है और ये सिर्फ दिखावे की वास्तु बनकर रह गई है. हमने कई बार पूर्व में तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय से अग्नि शामक केन्द्र की चरमराती व्यवस्था पर बात की लेकिन आज तक समस्याओं का निदान नहीं हो सका है. अब जिलाधिकारी मो सोहैल से भी मांग करना चाहते है कि कम से कम स्टेडियम में ही कही बोरिंग की व्यवस्था हो ताकि वाहन में पानी भरने में ज्यादा समय नहीं लगे और साथ ही अग्निशामक वाहनों और कर्मचारियों की संख्यां भी बढ़ाई जाय ताकि इनके घटनास्थल पर पहुँचने से पहले ही आग अपना सम्पूर्ण तांडव न दिखा सके.
अगलग्गी की घटना में तेजी: अग्निशामक केंद्र खुद बदहाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 08, 2016
Rating:

No comments: