आईएएस बनकर देश सेवा का लक्ष्य रखती है मधेपुरा की मैट्रिक टॉपर सृष्टि सरगम

इन बेटियों का संसार अद्भुत है. परियों के पंख को जैसे ही माता-पिता ने ताकत देना शुरू किया, ये आसमान में उड़ने को बेताब हैं. बेटियाँ रोज ही सफलता की नई इबारतें लिख रही हैं.


बिहार बोर्ड की मधेपुरा की टॉपर सृष्टि सरगम सरकारी स्कूल में छ: घंटे की पढ़ाई के बाद न सिर्फ घर में लगभग पांच से छ: घंटे स्वाध्याय (सेल्फ स्टडी) में तल्लीन रहती थी बल्कि उसके बाद सायकिल से गाँव से मधेपुरा आकर कोचिंग भी करती थी, जहाँ करीब तीन घंटे का समय देना होता था. यानी रोज 15-16 घंटे की मेहनत, जो बहुत आसान भी नहीं था. पढ़ाई का जूनून ऐसा चढ़ा कि हर मुश्किलें आसान लगने लगी और जब परीक्षा परिणाम निकला तो न सिर्फ पिता बरून कुमार मंडल का सीना गर्व से चौड़ा हो गया बल्कि समाज भी इस बेटी पर गर्व करने लगा. सृष्टि ने खुद को निखारने में जिस जीनियस टीचिंग पॉइंट कोचिंग का सहारा लिया, वहाँ के शिक्षक भी बेहद उत्साहित हैं.

मधेपुरा जिला मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर सुखासन चकला की 15 वर्षीया सृष्टि सरगम के पिता एक निजी विद्यालय के शिक्षक हैं और चूंकि परिवार की आर्थिक स्थिति साधारण रही तो जाहिर है ऐसे में बेटियों को गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ाना लाचारी थी. प्राथमिक शिक्षा गाँव के आदर्श मध्य विद्यालय सुखासन में करने के बाद अनुग्रह उच्च विद्यालय, सुखासन में ही सृष्टि ने मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. सृष्टि को मैट्रिक में कुल 500 में से 458 अंक (91.6%) प्राप्त हुए हैं.



कैसे करें इस तरह की परीक्षा की तैयारी?

परीक्षा की तैयारी पर सृष्टि सरगम का तरीका बिलकुल स्पष्ट है. स्वाध्याय को सफलता का मूल मानती है. कहती है छात्रों को सभी विषयों पर ध्यान तो देना ही चाहिए परन्तु जो विषय कठिन लगे उसपर कुछ ज्यादा. खुद के बारे में बताती है कि उसे बायोलॉजी कुछ ज्यादा कठिन लगता था तो उसपर उसने अधिक जोर दिया. कहती है कि छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों को आधार बनाकर अपनी तैयारी करनी चाहिए. कोचिंग संस्थान के महत्त्व को बताते कहती है कोचिंग हमें न सिर्फ रास्ता दिखाती है बल्कि जहाँ हम टॉपिक्स को नहीं समझ पाते हैं वहाँ कोचिंग के अच्छे शिक्षक हमारी समस्या को दूर देते हैं. खुद के बारे में बताती है कि मधेपुरा के जीनियस टीचिंग पॉइंट के नवीन सर ने जहाँ गणित को आसान बना दिया वहीँ ब्रजेश सर के सोशल सायंस पढ़ाने का तरीका भी बेहतरीन था.

सफलता का श्रेय माता-पिता, बड़ी बहन और गुरुजनों के देते आगे के लक्ष्य के बारे में श्रृष्टि कहती है कि इंटर में मैथ्स लेकर आगे बढ़ना है और ग्रेजुएशन के बाद संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की परीक्षा पास कर देश की सेवा करना है.

मधेपुरा टाइम्स पर सृष्टि के इंटरव्यू का वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें. 
(वि. सं.)
आईएएस बनकर देश सेवा का लक्ष्य रखती है मधेपुरा की मैट्रिक टॉपर सृष्टि सरगम आईएएस बनकर देश सेवा का लक्ष्य रखती है मधेपुरा की मैट्रिक टॉपर सृष्टि सरगम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 30, 2020 Rating: 5

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