महिला हेल्पलाइन द्वारा गुरुवार को डीआरडीए सभागार में आयोजित बालिका दिवस के अवसर पर " बेहतर कल के लिए महिला सशक्तिकरण " विषयक संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने कहा कि महिलाओं को समानता का अधिकार है और यह संविधान प्रदत्त है ।
शिक्षा से ही बालिकाएं सशक्त होकर समानता हासिल करेगी । लेकिन इसके लिए समाज को भी आगे बढ़कर सहयोग करना होगा ।
संगोष्ठी में भाग लेते हुए राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य गुड्डी देवी ने कहा की पहले समाज मातृ सत्तात्मक था जो धीरे धीरे विग्रह के कारण टूटता गया और आज के पितृ सत्ता वाले समाज में महिलाओं की पूछ कम होती गई । इसके लिए समाज और परिवार दोषी है ।आज की बालिकाओं को इसके लिए संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना होगा ।इस कार्य में हम सब उनकी मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। इस अवसर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी शिव कुमार शैव ने विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में सबसे पहले इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बनकर इस मिथक को तोड़ा कि महिलाएं सक्षम नहीं होती । आज आधी आबादी की स्थिति कहीं से भी संतोषजनक नहीं है। उन्हें जन्म लेने का अधिकार और शिक्षा का भी सामाजिक अधिकार नहीं है, क्योंकि कई कारणों से हमारा समाज ही उन्हें यह अधिकार दिलाने में बाधक बन रहा है। पूंजीवादी व्यवस्था में तो महिलाओं को बाजार की वस्तु बना कर रखा जा रहा है। हमें अपने सोच में परिवर्तन लाना होगा और इसके लिए पूरे समाज को मिलकर फैसला लेना होगा।
जिला जनसंपर्क अधिकारी रजनीश कुमार राय ने कहा कि अधिकाधिक बालिकाओं को आज हमने यहां बुलाकर उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया है। इस अवसर पर प्रोफेसर भूपेंद्र मधेपुरी, डॉ श्यामल किशोर यादव सहित अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए.
शिक्षा से ही बालिकाएं सशक्त होकर समानता हासिल करेगी । लेकिन इसके लिए समाज को भी आगे बढ़कर सहयोग करना होगा ।
संगोष्ठी में भाग लेते हुए राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य गुड्डी देवी ने कहा की पहले समाज मातृ सत्तात्मक था जो धीरे धीरे विग्रह के कारण टूटता गया और आज के पितृ सत्ता वाले समाज में महिलाओं की पूछ कम होती गई । इसके लिए समाज और परिवार दोषी है ।आज की बालिकाओं को इसके लिए संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना होगा ।इस कार्य में हम सब उनकी मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। इस अवसर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी शिव कुमार शैव ने विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में सबसे पहले इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बनकर इस मिथक को तोड़ा कि महिलाएं सक्षम नहीं होती । आज आधी आबादी की स्थिति कहीं से भी संतोषजनक नहीं है। उन्हें जन्म लेने का अधिकार और शिक्षा का भी सामाजिक अधिकार नहीं है, क्योंकि कई कारणों से हमारा समाज ही उन्हें यह अधिकार दिलाने में बाधक बन रहा है। पूंजीवादी व्यवस्था में तो महिलाओं को बाजार की वस्तु बना कर रखा जा रहा है। हमें अपने सोच में परिवर्तन लाना होगा और इसके लिए पूरे समाज को मिलकर फैसला लेना होगा।
जिला जनसंपर्क अधिकारी रजनीश कुमार राय ने कहा कि अधिकाधिक बालिकाओं को आज हमने यहां बुलाकर उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया है। इस अवसर पर प्रोफेसर भूपेंद्र मधेपुरी, डॉ श्यामल किशोर यादव सहित अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए.
'शिक्षा से ही बालिकाएं सशक्त होकर समानता हासिल करेंगी': जिलाधिकारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 24, 2019
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