सहरसा जेल में मानवाधिकार के हनन को लेकर 52 अल्पसंख्यक बंदी अनिश्चितकालीन अनशन पर, पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित 593 बंदी भी उतरेंगे समर्थन में

मंडल कारा सहरसा में मानवाधिकारों के लगातार हो रहे हनन के खिलाफ 52 अल्पसंख्यक बंदी अनिश्चित कालीन अनशन पर उतर गए हैं । जेल सूत्रों से खबर आई है कि कल से पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित 593 बंदी भी अनशन के समर्थन में उतरेंगे । 


काराधीक्षक के खिलाफ खोला मोर्चा 

आरोप है कि जेल अधीक्षक द्वारा माहे रमजान के पाक मौके पर आज 13 वें रोज गुजर जाने के बाद भी सरकार प्रदत्त सुविधाएं अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है । 


मिली जानकारी के अनुसार बंदियों के अन्य बुनियादी मसले भी हैं. मंडल कारा सहरसा में हो रहे बंदियों के इस अनशन के मुद्दे भी अनगिनत हैं. घटिया खाद्य आपूर्ति, राशन कटौती, वकालत नामा, बेलबॉन्ड, रिलीज, मुलाकात के नाम पर अवैध वसूली, भीषण गर्मी के दौरान वार्डों में विद्युत पंखे, हाथ पंखे और घड़े की अनुपलब्धता, शुद्ध पेय जल नहीं, प्रायः सभी चापाकल खराब,  शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं, सभी पखाना टेंक फटे -पड़े, बंदियों और कारा कर्मियो के साथ अधीक्षक का व्यवहार अमानवीय और नृशंस, कैदियों को नियमानुकूल मिलने वाला पैरोल, परिहार और पारिश्रमिक का नियमित भुगतान नहीं, विगत कई महीनों से सभी काराकर्मी  बिना वेतन, गत वर्ष जेल मरम्मति के नाम पर 319 बंदियों के सामूहिक तबादले, लाखों के भयादोहन, विभिन्न जेलों में उनकी निर्मम पिटाई, अकारण सेलों में डाल कर प्रताड़ना, तबादले के चार महीनों में हुए निर्माण और मरम्मति कार्यों में हुये घपलों की उच्च स्तरीय जाँच समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर कैदियों ने काराधीक्षक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


इधर पूर्व सांसद लवली आनंद इन सवालों पर कल दोपहर 01 बजे मानवाधिकार आयोग से मिलकर बंदियों का पक्ष रखेंगी । वहीं सहरसा में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल जिले के आलाधिकारियों से मिलकर शीघ्र न्यायोचित कार्रवाई की मांग करेंगे ।
(नि. सं.)
सहरसा जेल में मानवाधिकार के हनन को लेकर 52 अल्पसंख्यक बंदी अनिश्चितकालीन अनशन पर, पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित 593 बंदी भी उतरेंगे समर्थन में सहरसा जेल में मानवाधिकार के हनन को लेकर 52 अल्पसंख्यक बंदी अनिश्चितकालीन अनशन पर, पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित 593 बंदी भी उतरेंगे समर्थन में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 30, 2018 Rating: 5

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