'शराबबंदी की सबसे बड़ी मार होमियोपैथ को' कोशी होमियोपैथिक समागम

मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर के बी. एन. एम. होमियोपैथिक महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक दिवसीय कोशी होमियोपैथिक समागम का आयोजन किया गया ।

आयोजन के उदघाटनकर्ता के विलंब से आने के कारण आयोजन शनिवार को तय समय से दो घंटा विलंब से शुरू हुआ । कार्यक्रम का उद्धाटन करते हुए केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के अध्यक्ष डा. रामजी प्रसाद सिंह ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा बिहार में शराबबंदी की सबसे बड़ी मार होमियोपैथ को हो रही है । दवा बनाने के लिए अल्कोहल चाहिए और शराब बंदी के बाद अल्कोहल के अभाव में बिहार की 14 फैक्टरियां रांची, कोलकाता आदि शिफ्ट कर गई है, जिसमे होमियोपैथ को काफी नुकसान पहुंचा है । उन्होंने बिहार सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि चिकित्सकों की समस्या को लगातार अनदेखी कर रहे हैं । केंद्र द्वारा 55 करोड रुपए भेजे गए हैं । जिसमें 40 प्रतिशत मिला कर चिकित्सकों की बहाली करना है । लेकिन वह नही हो रहा है ।

बीएन्एम होमियोपैथिक महाविद्यालय एवं अस्पताल के प्राचार्य डा. उपेंद्र प्रसाद यादव ने सभी मंचासीन चिकित्सकों का स्वागत बुके से किया । उसके बाद स्वागत गान हुआ । समागम के अंत में मिथला की परंपरा को निभाते हुए सभी अतिथियों का स्वागत पाग और शाल से किया गया । मौके पर डा. मो. मोईजउददीन, डा. एल एन झा,  डा. एम के साहनी, डा. रविंद्र कुमार, डा. जितेंद्र कुमार, डा. गुलाब चंद मेहता, डा. भरत कुमार सिंह, डा. के पी सिंह, डा. शिवावतार भगत, डा. यू. के. झा, डा. राजकिशोर, डा. एस एन सिंह, डा. उमेश सिंह, डा. आर पी साह, डा योगेन्द्र प्रसाद, डा. एन पी यादव, डा. राम प्रवेश, डा. बी के तिवारी, डा. ओम प्रकाश, डा. शैलेंद्र कुमार, डा. उदय देव, डा. हयातउलला खा मौजूद थे ।
'शराबबंदी की सबसे बड़ी मार होमियोपैथ को' कोशी होमियोपैथिक समागम 'शराबबंदी की सबसे बड़ी मार होमियोपैथ को' कोशी होमियोपैथिक समागम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 18, 2017 Rating: 5
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