
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के किसान अपनी तैयार धान बिल्कुल ही नहीं बेच पा रहे हैं जिससे किसानों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.
जो लोग अब तक इस इंतजार में हैं कि पैक्स द्वारा धान की खरीद शुरू होगी उन्हें इस बार थोड़ा झटका लगा. वह इस बात का कि इस बार सहकारिता विभाग द्वारा यह घोषणा की गई है कि सबसे पहले आप अपने धान की बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लें. लेकिन मुरलीगंज प्रखंड में के सहकारिता पदाधिकारी रितेश रंजन ने बताया कि मुरलीगंज प्रखंड कार्यालय में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा कल से शुरू हो जाएगी, जहाँ किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपने जमीन के 2016 के रसीद की आवश्यकता होगी. उसी के आधार पर उनका रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा. तब वह पैक्स में उसी रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर अपने धान की बिक्री 1470 रूपये के समर्थन मूल्य पर कर पाएंगे.
कुछ छोटे किसान का कहना है गरीब किसानों का नंबर थोड़े आयेगा. पहले अपने परिवार वालों का खरीदेगा, फिर किसी और का. अभी गेहूँ के भूसे के भाव बिक रहा धान, किसान परेशान.
भलनी के किसान पवन कुमार का कहना है कि नए नोट के आने से समस्या काफ़ी जटिल हो गई है. किसान बनिए को अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं. उनका कहना है कि हम धान लेंगे लेकिन नोट पुराना 500 और 1000 का नोट देंगे, जबकि यह संभव ही नहीं है अब सरकार द्वारा पुराने नोट के एक्सचेंज पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसे में किसान के पास पैसे भी नहीं हैं कि रबी फसल की बुआई कैसे करें? हर किसी के पास के सी सी नहीं है. न कोई शाखा प्रबंधक 25 हजार की राशि एक मुश्त देने को तैयार हैं. सभी नोट की कमी का रोना रो रहे हैं.
किसान कौशल यादव कहते है कि नोट बंदी के कारण हमलोगों का धान भी नही बिक रहा है. यदि बिकता भी है तो बनिया कहता है कि पुराना नोट देंगे और पैक्स में भी धान नही खरीद रहा है. ऐसे में किसानों को रबी की फसल लगाने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि इस बार रबी की फसल काफी प्रभावित हो रही है.
मुरलीगंज प्रखंड के हरिपुरकलां पंचायत के पैक्स अध्यक्ष रंजन यादव ने धान खरीदारी के विषय में बताया कि अभी खरीदारी शुरू नही की है. एक दिसम्बर से शुरू किया जायेगा.उन्होंने बताया कि किसान को अपने धान को पैक्स में बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन करवाने होते है और 16 / 17 के करेंट रसीद भी जमा करने होते है जो कि किसान अभी तक जमा नही किये हैं. अगर किसान एक दिसम्बर तक जमा करते है तो हम धान खरीद सकते है. उन्होंने जानकारी दी की सभी सरकारी दर 1470 रूपये प्रति क्विंटल की है.
कुछ छोटे किसान का कहना है गरीब किसानों का नंबर थोड़े आयेगा. पहले अपने परिवार वालों का खरीदेगा, फिर किसी और का. अभी गेहूँ के भूसे के भाव बिक रहा धान, किसान परेशान.
भलनी के किसान पवन कुमार का कहना है कि नए नोट के आने से समस्या काफ़ी जटिल हो गई है. किसान बनिए को अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं. उनका कहना है कि हम धान लेंगे लेकिन नोट पुराना 500 और 1000 का नोट देंगे, जबकि यह संभव ही नहीं है अब सरकार द्वारा पुराने नोट के एक्सचेंज पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसे में किसान के पास पैसे भी नहीं हैं कि रबी फसल की बुआई कैसे करें? हर किसी के पास के सी सी नहीं है. न कोई शाखा प्रबंधक 25 हजार की राशि एक मुश्त देने को तैयार हैं. सभी नोट की कमी का रोना रो रहे हैं.
किसान कौशल यादव कहते है कि नोट बंदी के कारण हमलोगों का धान भी नही बिक रहा है. यदि बिकता भी है तो बनिया कहता है कि पुराना नोट देंगे और पैक्स में भी धान नही खरीद रहा है. ऐसे में किसानों को रबी की फसल लगाने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि इस बार रबी की फसल काफी प्रभावित हो रही है.
मुरलीगंज प्रखंड के हरिपुरकलां पंचायत के पैक्स अध्यक्ष रंजन यादव ने धान खरीदारी के विषय में बताया कि अभी खरीदारी शुरू नही की है. एक दिसम्बर से शुरू किया जायेगा.उन्होंने बताया कि किसान को अपने धान को पैक्स में बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन करवाने होते है और 16 / 17 के करेंट रसीद भी जमा करने होते है जो कि किसान अभी तक जमा नही किये हैं. अगर किसान एक दिसम्बर तक जमा करते है तो हम धान खरीद सकते है. उन्होंने जानकारी दी की सभी सरकारी दर 1470 रूपये प्रति क्विंटल की है.
मधेपुरा में किसानों के सामने बड़ी समस्या, कैसे करें किसानी?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 25, 2016
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