सुपौल। सूबे के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को जिला मुख्यालय का पदयात्रा किया. इस दौरान बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री को काला झंडा दिखा कर विरोध प्रकट किया.
संघ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह के नेतृत्व में सदस्यों द्वारा भिक्षाटन का कार्य किया गया. शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा किये जा रहे विरोध के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ नोक झोंक की स्थिति भी उत्पन्न हुई. जिस कारण शिक्षा मंत्री के स्थानीय महिला महाविद्यालय की पदयात्रा का कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा. मौके पर संघ के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री 14 सूत्री मांगों को लेकर मांग पत्र भी समर्पित किया. जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा बीते 31 मार्च को आयोजित महाधरना के उपरांत शिक्षकों को शिक्षा मंत्री द्वारा आश्वस्त कराया गया था कि शिक्षकों के सेवा शर्त का प्रकाशन तीन माह के भीतर करा दिया जायेगा. प्रतिमाह ससमय वेतन भुगतान, विद्यालयों के नये सत्र के आरंभ होते ही पुस्तक की उपलब्धता, अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे का लाभ, जुलाई माह से सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को एक साथ बीआरसी स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था करायी जायेगी. लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी समाधान नहीं किया जाना सरकार का शिक्षा व शिक्षक के प्रति उदासीनता को दर्शाता है.
श्री सिंह ने कहा कि चार माह से शिक्षकों को वेतन उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिस कारण शिक्षक आत्महत्या पर उतारु हो रहे हैं. बावजूद इसके समस्या के समाधान की दशा पर पहल नहीं करते हुए शिक्षा मंत्री पद यात्रा कार्यक्रम का आयोजन कर तानाशाह की राजनीति कर रहे हैं. कहा कि सरकार की रवैये से शिक्षकों की हालात बरदाश्त से बाहर है. कहा कि शिक्षा व शिक्षकों के सम्मान के हित में संघ के सदस्यों द्वारा भिक्षाटन व काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया गया है.
संघ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह के नेतृत्व में सदस्यों द्वारा भिक्षाटन का कार्य किया गया. शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा किये जा रहे विरोध के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ नोक झोंक की स्थिति भी उत्पन्न हुई. जिस कारण शिक्षा मंत्री के स्थानीय महिला महाविद्यालय की पदयात्रा का कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा. मौके पर संघ के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री 14 सूत्री मांगों को लेकर मांग पत्र भी समर्पित किया. जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा बीते 31 मार्च को आयोजित महाधरना के उपरांत शिक्षकों को शिक्षा मंत्री द्वारा आश्वस्त कराया गया था कि शिक्षकों के सेवा शर्त का प्रकाशन तीन माह के भीतर करा दिया जायेगा. प्रतिमाह ससमय वेतन भुगतान, विद्यालयों के नये सत्र के आरंभ होते ही पुस्तक की उपलब्धता, अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे का लाभ, जुलाई माह से सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को एक साथ बीआरसी स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था करायी जायेगी. लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी समाधान नहीं किया जाना सरकार का शिक्षा व शिक्षक के प्रति उदासीनता को दर्शाता है.
श्री सिंह ने कहा कि चार माह से शिक्षकों को वेतन उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिस कारण शिक्षक आत्महत्या पर उतारु हो रहे हैं. बावजूद इसके समस्या के समाधान की दशा पर पहल नहीं करते हुए शिक्षा मंत्री पद यात्रा कार्यक्रम का आयोजन कर तानाशाह की राजनीति कर रहे हैं. कहा कि सरकार की रवैये से शिक्षकों की हालात बरदाश्त से बाहर है. कहा कि शिक्षा व शिक्षकों के सम्मान के हित में संघ के सदस्यों द्वारा भिक्षाटन व काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया गया है.
सुपौल में शिक्षा मंत्री के पदयात्रा के दौरान संघ के सदस्यों ने दिखाया काला झंडा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 19, 2016
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