वार्ड का हाल: मधेपुरा नगर परिषद् का वार्ड नं.5:- न सड़क है, न बिजली, बरसात का नाम सुनकर यहाँ काँप जाते हैं लोग
मधेपुरा का नगर परिषद्. यहाँ का हाल है सालों से
बेहाल. जहाँ मूलभूत सुविधा के लिए कई वार्डों के लोग तरस रहे हों और दूसरी तरफ नगर
परिषद् बन चुका हो लूट का अड्डा. जहाँ वार्ड की जनता के द्वारा पूरे उत्साह से
चुने जाते हों वार्ड पार्षद, पर चंद पैसे के लोभ में या फिर गुटबंदी के शिकार होकर
फंस जाते हों वार्ड पार्षद, तो जाहिर है जनता तो बेहाल होगी ही.
नगर परिषद् चुनाव 2012 के वार्डों में हुए चुनाव और
19 मई को घोषित परिणाम पर एक नजर डालें तो नगर परिषद् के 26 वार्डों में हुए चुनाव
में 16 वार्डों पर महिलाओं ने भले ही जीत हासिल की हो, पर अधिकाँश वार्डों पर
कब्ज़ा इनके धर्मपतियों का ही नजर आता है. ये वो वार्ड हैं जो महिलाओं के लिए
सुरक्षित थे और वार्ड के लोकप्रिय या फिर दबंगों ने अपनी बीवियों को यहाँ से खड़ा
किया और येन-केन-प्रकारेण सीट इनके खाते में गई.
वार्ड का हाल की इस श्रृंखला में हम मधेपुरा के सभी
26 वार्डों की ताजा स्थिति चुनाव परिणाम के दो साल के बाद आपके सामने रख रहे हैं
ताकि ये देखा जा सके कि इन दो सालों में वार्ड पार्षदों ने किये वादों को कितना
निभाया.
नगर परिषद् का वार्ड नं.5: इस वार्ड का नाम लोगों ने
महर्षि मेही नगर भी रखा है. नगर परिषद् ने इस वार्ड को अनेकों सुविधाओं से वंचित
रखा है. शहर का हिस्सा कहलाने वाले इस वार्ड में न तो अबतक सडकें की बन पाई हैं और
न ही बिजली के खम्भे गाड़े जा चुके हैं. वार्ड के लोग जहाँ
कच्ची और उबड़खाबड़ सड़कों
पर चले को लाचार हैं वहीँ कई सड़कों पर बिजली की रौशनी नहीं होने के कारण रात में
लोग इन रास्तों से गिरते-पड़ते ही घर पहुँचते हैं.

वार्ड
नं.5 में बिजली के खम्भे नहीं हैं. वार्ड पार्षद की उदासीनता कहें या बिजली विभाग
का नकारापन, लोग बांस के सहारे घर तक किसी तरह बिजली की व्यवस्था कर काम चला रहे
हैं. लटके तार कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं.
कच्ची
सड़कों की सबसे बदहाल स्थिति बरसात में हो जाती है. सड़कों पर पानी भर जाता है और
सड़क कच्ची होने की वजह से ये कीचड़ से भर जाता है और इसे पार करना दूभर हो जाता है.
क्या कहते हैं वार्ड के लोग ?: पवन कुमार सिंह, शंकर
यादव, दिलीप दास, अवधेश यादव, संजय यादव, रूप नारायण, मो० सत्तार, संजय साह, रंजीत
कुमार, मनोज मंडल, मो० सदाकत, नजीर, रब्बाम मिस्टर, रफीक, ललन साह, युनूस समेत
वार्ड के कई लोगों का कहना है कि लगता नहीं है हम शहर में रह रहे हैं. वार्ड
पार्षद क्या करते हैं हमें पता नहीं, वार्ड में कोई प्रगति नहीं है. हम कष्ट में
जी रहे हैं.
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद ?: वार्ड पार्षद कुमारी
रूबी और उनके पति रूदल यादव कहते हैं नगर परिषद् हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रहा
है. वार्ड में बिजली की व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए मैं लगातार प्रयास में हूँ.
वार्ड की जनता का दुःख मैं समझता हूँ, लेकिन मुख्य पार्षद और नगर परिषद् के
कार्यपालक पदाधिकारी के ध्यान नहीं देने के कारण वार्ड बदहाली के दौर से गुजर रहा
है.
वार्ड का हाल: मधेपुरा नगर परिषद् का वार्ड नं.5:- न सड़क है, न बिजली, बरसात का नाम सुनकर यहाँ काँप जाते हैं लोग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 11, 2014
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