विश्व बालश्रम दिवस के मौके पर जिला मुख्यालय के झल्लू बाबू सभागार में बाल श्रम
एवं बाल अधिकारों पर आयोजित विधिक शिविर में बाल श्रम से सम्बंधित बहुत से नियम
बताये गए. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में एनजीओ निदान के द्वारा हुए
इस कार्यक्रम में मधेपुरा के सीजेएम ने कहा कि बालश्रम बिलकुल ही गैरकानूनी है और
दोषी के खिलाफ दंड का प्रावधान है. मौके पर उपस्थित मधेपुरा कोर्ट के न्यायिक
दंडाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि शिक्षा की आवश्यकता यहाँ भी है. शिक्षित होकर
ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है. श्रम अधीक्षक राजीव रंजन ने जानकारी दी कि
बालश्रम कराने पर दोषी व्यक्ति पर 20 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है
और जुर्माने में वसूल की गई राशि से सरकार बाल मजदूरों का कल्याण कर सकती है.
महिला हेल्पलाइन की परियोजना पदाधिकारी पायल प्रकाश ने बाल विवाह का विरोध करने की
आवश्यकता जताई.
कार्यक्रम
में कई स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया और अपनी समस्याओं को रखा. प्रीतम राज ने कहा
कि सरकारी स्कूल में पढ़ने के कारण उसे नीच नजर से देखा जाता है जबकि सोनू कुमार ने
कहा कि अच्छी शिक्षा नहीं मिलने के कारण बच्चे मजदूरी करने को विवश हो जाते हैं.
कार्यक्रम
में बच्चे अंजली कुमारी, नीतीश कुमार, सम्राट विशाल, रमेश, दीपशिखा कुमारी, सोनू
कुमार, प्रीतम राज के अलावे निदान संस्था के प्रभाष कुमार की उपस्थिति महत्वपूर्ण
रही.
14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना गैरकानूनी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 18, 2013
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