
लगभग 10 साल बीत जाने के बाद भी प्रखंड के लोगो को अब तक जलमीनार से एक बूंद भी शुद्ध पेयजल नसीब नही हो पाया है. शुद्ध पेयजल के लालायित लोग वर्षो पूर्व प्रखंड क्षेत्र में जलमीनार के बनने के बाद उत्साहित थे, लेकिन विभागीय उदानता ने लोगों
तक पानी तो नहीं पहुँचाया, पर उनकी आशाओं पर पानी जरूर फेर दिया. और यह जलमीनार प्रखंड के लिये महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी.
दस वर्ष पूर्व बना जलमीनार बेकार साबित हो रहा है. गौरतलब हो कि प्रखंड के चित्ति, भतरंधा परमानपुर,
बारदाहा, झिटकिया, घैलाढ़, भानटेकठी
सहित क्षेत्र के हजारों की आबादी को स्वच्छ जल आपूर्ति को लेकर सरकार व विभागीय प्रयास से ग्रामीण जल आपूर्ति योजना तहत 2006 में करोड़ो से अधिक की राशि खर्च कर जलमीनार बनवाया गया. लेकिन परिणाम सामने है.
जगह -जगह लगे टोंटी
दे रहे जवाब: शुद्ध पेयजल के लिये जलमीनार के निर्माण के साथ -साथ क्षेत्र भर में पाइप भी बिछाई गई
और साथ ही दर्जनो स्थानों सहित सार्वजनिक स्थलों पर पक्कीकरण का
कार्य कर नल भी लगाया गया ताकि स्थानीय सहित राहगीरों
को स्वच्छ आयरन मुक्त पानी उपलब्ध हो सके लेकिन संबंधित विभाग द्वारा उक्त सभी नल का समुचित रख रखाव नही कराये जाने के कारण पाइप सहित नलका जहाँ जंगशीर्ण अवस्था में है. अधिकांश जगहो पर मिलता है दूषित पानी और प्रखंड क्षेत्र सहित आस पास के इलाकों में पीने योग्य पानी की कमी है. अधिकांश जगहों पर आयरन युक्त पानी को लेकर लोग बेबस
हैं. ऐसे पानी को पीने से संक्रामक बीमारी होने का खतरा बना रहता है. इस इलाके में शुद्ध पानी नही पीने के कारण लोग डायरिया, त्वचा रोग और पेट की गंभीर बीमारी
से ग्रसित हो जाते हैं. पाचन क्रिया भी सही नही रहती है.

क्या कहते हैं लोग:
झिटकिया पंचायत के पूर्व मुखिया जवाहर यादव ने बताया कि जलमीनार के निर्माण के बाद विभागीय शिथिलता के कारण कनेक्शन तो दूर जगह जगह सड़क के किनारे बनाया गया स्टैडपोस्ट भी खंडहर में तब्दील हो गया. लोगो के स्वच्छ पानी की आस पर पानी फिर गया और जलमीनार शोभा की वस्तु मात्र बन कर रह गया है.
वहीँ जाप के वरिष्ट नेता सुशील यादव ने कहा कि दस साल पूर्व बने जलमीनार का अब तक चालू नही होना विभागीय शिथिलता को दर्शाता है. पी एच इ डी विभाग द्वारा बनाए गए इस जलमीनार को करवाने में पदाधिकारी कोई दिलचस्पी नही दिखा रहे हैं. वहीं
जापके वरिष्ट नेता संजय यादव का कहना है कि सरकार के बहुचर्चित सात निश्चय कार्यक्रम में एक अति महत्वाकांक्षी
योजना ये भी है कि समाज के हर घर को स्वच्छ पेयजल पहुंचाना
है. अभी तक प्रखंड क्षेत्रो में सौर ऊर्जा चालित मिनी पाइप लाइन जलापूर्ति योजना भी अन्य योजनाओं के तरह फ्लॉप साबित होकर रह गयी है. इस योजना से तो लोग लाभान्वित नही हुए परन्तु विभाग व संवेदक मालामाल जरूर हो गए.
(रिपोर्ट: लालेंद्र कुमार)
नहीं हो सका नल के पानी का दीदार: शोभा की वस्तु बन कर रह गया जलमीनार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 28, 2016
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