|एमटी रिपोर्टर|16 दिसंबर 2013|
गत 28 नवंबर को जिला परिषद् अध्यक्षा और उपाध्यक्ष
के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दिए गये आवेदन पर आज हुए मतदान में जिला परिषद्
अध्यक्षा मीलन देवी और उपाध्यक्ष रणवीर यादव को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई है.
मधेपुरा
समाहरणालय के सभागार में आज हुए मतदान में जिला परिषद् क्षेत्र के कुल 23 सदस्यों
ने भाग लिया. अध्यक्ष पद के लिए कराए गए मत विभाजन में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष
में 12 मत पड़े जबकि विपक्ष में 4. डाले गए कुल मतों में से 7 मतों को रद्द घोषित
किया गया.
इसी तरह
उपाध्यक्ष पद के लिए हुए मत विभाजन में डाले गए कुल 23 वोटों में अविश्वास
प्रस्ताव के पक्ष में 14 सदस्यों में मत दिया, विपक्ष में 3 मत पड़े जबकि 6 मतों को
रद्द घोषित कर दिया गया है.
अब
देखना है कि आगे जब फिर नई वोटिंग होती है तो इस बार दोनों कुर्सियों पर कौन काबिज
होता है?
क्या हुआ है भीतरघात ?: सूत्रों का मानना है कि
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी जाने के पीछे गहरी राजनीति है. माना जा रहा है कि
जिला परिषद् अध्यक्षा (अब नहीं) के पति और जदयू के जिलध्यक्ष सियाराम यादव के जनता
दल यूनाइटेड में बढ़ते रूतबे से भयभीत दल के ही अन्य लोगों ने श्री यादव के कद को
छोटा करने के उद्येश्य से पहले से उन्हें साथ दे रहे कई सदस्यों को उनके खिलाफ कर
दिया.
भीतरघात: जिला परिषद् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की गई कुर्सी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 16, 2013
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