सर्वोच्च न्यायालय
ने बुधवार कॊ बिहार और झारखंड राज्य के नव
अँगीभूत कालेज के शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा की जाँच कर रही माननीय एस बी
सिन्हा आयोग की सिफारिशों कॊ स्वीकार करते हुए राज्य सरकार कॊ आदेश दिया है कि तीन
माह के अंदर स्वीकृत फरियादियों कॊ वेतन आदि
का भुगतान किया जाय ।
जिन लोगों की सेवा आयोग ने उचित नही मानी है उन्हे उच्च
न्यायालय में फरियाद करने का भी विकल्प दिया गया है । बता दें कि भू ना
मंडल विश्वविद्यालय में कुल छह नव अँगीभूत कालेज हैं । इनमें से लगभग डेढ़ सौ ऐसे
प्राध्यापक और कर्मचारी जो सृजित पद पर कार्यरत नही थे या फ़िर कोई विवाद था तो
उन्हे वर्ष 2006
से ही वेतन भुगतान बंद कर दिया गया था । ऐसे कर्मियों ने उच्च न्यायालय का शरण
लिया और न्याय भी मिला और फ़िर सर्वोच्च न्यायालय में अपील के बाद निराकरण हेतु
माननीय एस बी सिन्हा आयोग कॊ इन मामलों की जाँच सौंपी गयी । आयोग की संस्तुति कॊ
आखिकार सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर राज्य सरकार कॊ आदेश दिया है कि तीन माह के अंदर इन्हे वेतन आदि का भुगतान किया
जाय । इसके साथ ही जिन कर्मियों की सेवा के पक्ष में उक्त आयोग ने संस्तुति नही की
तो उन मामलों में भी निर्णय दिया गया है कि पीड़ित पक्ष उच्च न्यायालय के समक्ष
अपनी बात रख सकते हैं ।
ज्ञातव्य है कि मंडल
वि. वि. के एक सौ से अधिक प्राध्यापक और कर्मचारी कॊ सर्वोच्च न्यायालय के इस
निर्णय से सीधा लाभ हुआ है । मंडल विवि शिक्षक संघ के महासचिव डॉ अशोक कुमार ने इस
निर्णय का स्वागत करते हुए प्रभावित शिक्षक और कर्मचारियों कॊ बधाई दिया है । उन्होने
पूर्व कुलपति विनोद कुमार की भी सराहना की
है जिनके कार्यकाल में विवि ने शपथ पत्र दायर कर प्रभावित शिक्षकों का पक्ष लिया
था । इस वि.वि. के एक सौ से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के अब अच्छे दिन आ रहे
हैं ।
अच्छी ख़बर: सर्वोच्च न्यायालय ने निपटाया नव अँगीभूत कॉलेज कर्मियों का मामला
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 01, 2017
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