कोई मिल जाए ऐसा...!!! /// सुषमा ‘आहुति’

कोई मिल जाए ऐसा..... जो सिर्फ
मेरे हाथो को थाम कर चलना चाहे.......
कोई मिल जाए......
ऐसा जो मेरे साथ,
चाँद को निहारते हुए 
सारी रात गुजारना चाहे........

कोई मिल जाए ऐसा....
जो मेरी ख़ामोशी को समझ जाए,
जो मेरी मेरी धडकनों को सुनना चाहे.........

कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके काँधे पर सर रख,
मैं दुनिया को भूल जाऊं....
जो मेरी साँसों में घुलना चाहे.........

कोई मिल जाए ऐसा...
जिसकी आखों में,              
मैं बेइंतहा प्यार देखूं,
जो मेरी आखों में,
सिर्फ खुद को देखना चाहे......

कोई मिल जाए ऐसा.....
जिससे हर बार मैं जीत जाऊं,
जो मेरी एक मुस्कान पर....
अपना सब कुछ हारना चाहे.......

कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके साथ गुजरा इक-इक पल,
एक पूरी जिन्दगी लगे...
जो सिर्फ मेरे साथ....
अपनी पूरी जिन्दगी जीना चाहे......

कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके सजदे सर,
मेरा हमेशा झुकता रहे,
जो अपनी दुआओं  में...
मुझे ही पाना चाहे....

कोई मिल जाए ऐसा...जिसका एहसास,
मेरी हर कविता में हो,
जो मेरे लिखे...
हर शब्द का अर्थ बनना चाहे......!!!
(अन्य कवितायेँ और विभिन्न साहित्यिक विषयों पर पढ़ने के लिए www.madhepuratoday.com पर जाएँ)


-सुषमा आहुति, कानपुर
कोई मिल जाए ऐसा...!!! /// सुषमा ‘आहुति’ कोई मिल जाए ऐसा...!!! /// सुषमा ‘आहुति’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 10, 2013 Rating: 5

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