SUNDAY SPECIAL: श्वेताभ सुमन: फाईन आर्ट के सितारे ने अपनी प्रतिभा से विदेशी धरती तक बनाई पहचान

हर कोई अपने आप में विशेष होता है परंतु चर्चा उन्हीं की होती है जो विशिष्ट होते हैं. अपने कोसी की धरती पर ऐसी कई प्रतिभाएं हैं जिन्हें हम नहीं जानते परंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके प्रतिभा की धमक देश-प्रदेश की सीमा लांघकर सात समंदर पार तक पहुंच चुकी है.



सहरसा जिले के भरौली ग्रामवासी श्री विरेन्द्र कुमार सिंह के सुपुत्र श्वेताभ सुमन फाईन आर्ट के क्षेत्र के एक चमकीले सितारे बनकर उभर रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में रह रहे श्वेताभ ने एक प्रोफेशनल पेंटर के रूप में विदेशी धरती तक अपनी पहचान बना ली है. ललित कला में गहरी रूचि रखने वाले श्वेताभ देश के प्रतिष्ठित संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कोरियन भाषा के स्नातक के छात्र हैं.

इनकी बनायी हुई पेंटिंग्स अब दिल्ली की सुविख्यात ‘आकृति आर्ट गैलरी’ में टंगकर अच्छे कीमतों में बिकती हैं. कई अप्रवासी लोग दिल्ली आकर इन्हें अपनी पेंटिग्स बनाने का ऑर्डर भी देने लगे हैं. वैसे अमेरिका और जर्मनी के भी कुछ लोगों ने इनसे संपर्क साधकर कई पोर्ट्रेट बनवाए हैं और इनके काम को सराहा है.

हाल ही में पुणे की फेमस ‘इंडिया-आर्ट गैलरी’ में ‘एड्युकेशन फॉर ऑल’ थीम पर बने इनकी पेंटिंग्स को जीत हासिल हुई और अगले तीन वर्षों तक वहाँ इनकी पेंटिंग प्रदर्शित की जाएगी.

हालांकि छोटी सी उम्र की पहचान अभी थोड़ी छोटी है किंतु विदेश में इनके नाम की चर्चा सुनकर हाल ही में अमेरिका के एक प्रकाशक ने इनसे संपर्क कर इनके द्वारा बनाए पेंटिंग्स के संग्रह में से कई पेंटिग्स को चुनकर अपनी एक किताब में छापा है.

भरौली गाँव में किसानी कर रहे श्वेताभ के पिता श्री विरेंद्र कुमार सिंह अपने पुत्र के इस शौक को आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प हैं. उन्होंने श्वेताभ के इस गुण को बचपन में ही परख लिया था. इनके पिता बताते हैं कि जिस उम्र में इन्हें वर्णमाला तक की समझ नहीं थी तब ये कौआ-मैना की तस्वीर बड़ी तल्लीनता से बनाते थे. ये बचपन में खाने के पश्चात अपनी जूठी थाली में पेंटिंग का अभ्यास किया करते थे. स्कूल की छुट्टी से वापस लौटते श्वेताभ अपने मुहल्ले के ही एक साईनबोर्ड पेंटर को काम करते देख अपनी सुधि खो बैठते और वहीं रूककर घंटों उसकी कारीगरी देखने में तल्लीन हो जाते, फिर इनके पापा को इन्हें ढूंढने में खासी मशक्कत करनी पड़ जाती थी.

श्वेताभ के पिता ने बातचीत के क्रम में एक संदेशात्मक लहजे में कहा कि लोग अपने बच्चों की रूचियों और क्षमताओं को परखें फिर उसके भविष्य का निर्धारण करें. कभी भी अपने नौनिहालों की इच्छा का दमन न करें और भटकाव से अपने बच्चों को बचाएं. बच्चों के सिर पर अविभावक अपनी महत्वाकांक्षाओं का बोझ कदापि न डालें.
SUNDAY SPECIAL: श्वेताभ सुमन: फाईन आर्ट के सितारे ने अपनी प्रतिभा से विदेशी धरती तक बनाई पहचान SUNDAY SPECIAL: श्वेताभ सुमन: फाईन आर्ट के सितारे ने अपनी प्रतिभा से विदेशी धरती तक बनाई पहचान Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 22, 2018 Rating: 5

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