'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय': कुमाता ने नवजात बच्ची को फेंका, दूसरी महिला ने बचाया

सुपौल। सदर थाना क्षेत्र के आईडीबाई बैंक के समीप उस वक्त स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई, जब लोगों को यह जानकारी मिली कि बैंक के समीप झाड़ी में एक नवजात बच्ची को किसी ने फेंक दिया है। 


जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय से सटे चैनसिंहपट्टी गांव की कुछ महिला गुरूवार को धान की रोपनी करने जा रही थी। इसी बीच झाड़ी से एक नवजात बच्चे की रोने की आवाज महिलाओ को सुनाई दी। आवाज की और दौड़ी महिलाओं ने देखा कि नवजात बच्ची झाड़ी में रो रही है।

महिलाओं की टोली में से एक महिला तुरंत बच्चे को उठा कर अपने आंचल में छुपा लिया। इसके बाद महिलाओं ने उसे दूध पिलाना शुरू कर दिया। बच्ची फेंके जाने की सूचना स्थानीय थाना को दी गई।

सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां अवस्थित पालना केंद्र में बच्ची को रखा गया है। जहां उसकी देखभाल की जा रही है।

जाको राखे साईया मार सके ना कोय

बच्ची के फेंके जाने के बाद स्थानीय लोगों में कई तरह की चर्चा की जाने लगी। लोग बच्ची के जन्म देनवाले मां को कुमाता की संज्ञा दे रहे थे। वहीं कुछ लोग अलग ही चर्चा कर रहे थे। आखिकार पुलिस के पहुंचने पर चर्चाओं पर विराम लग लगा। इसके बाद लोगों के मुंह से एक बात सामने आने लगी जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। (नि. सं.)
'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय': कुमाता ने नवजात बच्ची को फेंका, दूसरी महिला ने बचाया 'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय': कुमाता ने नवजात बच्ची को फेंका, दूसरी महिला ने बचाया Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 05, 2018 Rating: 5

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