सहरसा में तीन दिवसीय गृष्मावकाश रंग कार्यशाला का समापन

शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान द्वारा सहरसा में आयोजित तीन दिवसीय गृष्मावकाश रंग कार्यशाला का आज समापन हो गया.


स्थानीय पंचवटी चौक स्थित संस्थान कार्यालय के सभागार में मंगलवार से चल रहे कार्यशाला के दौरान रंगकर्मियों ने नाटक के कई टेक्निकल प्वाइंट को सीखा. पटना से आये वरिष्ठ नाट्य निर्देशक रितेश परमार के सानिध्य में बाल रंगकर्मियों ने भी बड़े उत्साह से नाटक के बारीकियों के गुर को सीखा.

कार्यशाला के दौरान श्री परमार ने कहा कि पश्चिमी ढंग के रचनात्मक विन्यास और चरित्रों के सूक्ष्मा-ति-सूक्ष्म विश्लेषण करने वाले आधुनिक रंगकर्मियों से बचने एवं उन्हें सभ्रांत वर्गों को समर्पित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि नाटक को ताम-झाम, टीम-टाम से मुक्त कर उसे खुले में लाओ और जनता की सोच, समझ, आशाओं, आकांक्षाओं, धार्मिक शोषण, अंधविश्वास तथा एक नवनिर्मित समाज की समस्याओं से जोड़ो, उन्हें दृष्टि दो, जबान दो.उन्होंने कहा कि उसके सूत्र ताने-बाने में न छूटने दो और टोटल थियेटर की रचना करो, जो हमारा अपना है.

कार्यशाला में सहायक नाट्य-निर्देशक के रूप में रंगकर्मी कुंदन वर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा. संस्थान सचिव वंदन वर्मा ने कहा कि संस्थान कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तो कार्य करती ही है, साथ ही कला व कलाकार को समृद्ध बनाने हेतु प्रत्येक वर्ष कार्यशाला का आयोजन किया जाता है. जिसमें राष्ट्रीय स्तर के निर्देशकों के सानिध्य में यहां के रंगकर्मी कला के गुर सीखते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी जुलाई माह में नाट्योत्सव का आयोजन किया जाएगा.

 कार्यशाला में सपन कुमार, अभिषेक, सुनील, संजीव, सेजल, स्तुति, निभाष, इफ्तेखार राही, इंद्रजीत, मुस्कान, अदिति, श्रेयांशी, अन्नपूर्णा, दीपक, गुड्डू, तनवी, ऋषि, कृष्ण आदि शामिल थे.
(रिपोर्ट: अमित सिंह)
सहरसा में तीन दिवसीय गृष्मावकाश रंग कार्यशाला का समापन सहरसा में तीन दिवसीय गृष्मावकाश रंग कार्यशाला का समापन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 28, 2018 Rating: 5

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