बैंककर्मी 2 दिनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर: मधेपुरा में प्रतिदिन ₹ 350 करोड़ राजस्व का नुकसान

वेतन बढ़ोतरी  एवं अन्य मुद्दों को लेकर बैंक कर्मी बुधवार से  2 दिनों के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए. 

इन बातों का है विरोध 

मधेपुरा में मौके पर उपस्थित एसबीआई ओए के क्षेत्रीय सचिव अविनाश कुमार ने पार्टी कहा कि यूनाइटेड फारम ऑफ बैंक यूनियंस आईबीए द्वारा वेतन पुनरीक्षण में की जा रही देरी का, बैंक कर्मचारियों अधिकारियों के वेतन पुनरीक्षण में सरकार की उदासीन रवैया का, वेतन वृद्धि के लिए वेतन बिल में आईबीए के 2 प्रतिशत वृद्धि के मामूली प्रस्ताव का, कुछ बैंक द्वारा केवल थर्ड रैंक के अधिकारियों तक के वेतन पुनरीक्षण के लिए दिए गए आंशिक मेंडेट का विरोध करता है. 


ये हैं इनकी मांगें 

वही अपनी मांगों से अवगत कराते हुए एसबीआई ओए के क्षेत्रीय अध्यक्ष कुंदन ने कहा त्वरित एवं शीघ्र वेतन पुनरीक्षण समझौता करने की, वेतन में पर्याप्त वृद्धि एवं अन्य सेवा शर्तों में सुधार की, स्केल सेवन तक के सभी अधिकारियों को वेतन पुनरीक्षण समझौता करने की हमारी मांग है. 



हड़ताल से प्रतिदिन भारी राजस्व का नुकसान 

ज्ञात हो कि जिले में सिर्फ एसबीआई की 37 शाखाएं हैं. जिसका प्रतिदिन  100 करोड़ का  आय व्यय होता है. इस तरह से जिले के सभी बैंक के सभी शाखाएं मिलाकर बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से लगभग प्रतिदिन 350 करोड़ का राजस्व को नुकसान हो रहा है. उपस्थित कर्मियों ने कहा कि सरकार के  सभी विभागों का सारा कार्य बैंक के द्वारा किया जाता है. सरकार के द्वारा चलाई गई सभी योजनाओं का भार बैंक के कर्मियों पर पड़ता है. बैंक के कर्मी दिन रात एक कर के सरकार का सारा कार्य करते हैं. मगर बैंककर्मियों के वेतन में सिर्फ 2% वृद्धि की जाती है. जिसका बैंक कर्मी विरोध करते हैं. 


'वेतन में 2 फीसदी की बढ़ोतरी न के बराबर'

 उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को उनकी मेहनत के बराबर वेतन बढ़ोतरी नहीं दी जा रही है. बैंक‍यूनियनों के मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने उनके वेतन में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. उनका कहना है कि यह न के बराबर है. इसी के विरोध में उनकी हड़ताल है. उन्होंने कहा कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित विधेयक को मंजूरी मिलने से बैंकों की ग्रामीण शाखाएं बंद हो जाएंगी, और अत्यधिक छोटी शाखाओं का सिलसिला शुरू होगा. इससे ठेका आधार पर बैंकिंग का निजीकरण होगा. जिससे बैंक कर्मियों के साथ साथ आम लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. वहां उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मियों ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि वे हड़ताल के दौरान ग्राहकों को आवश्यक सेवाएं देने के लिए इंतजाम कर सकें. ग्राहकों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े इसके लिए एटीएम में पहले से ही अधिक मात्रा में पैसे डाल दिए गए हैं. ग्राहकों की परेशानी को कम करने के लिए ग्राहकों को पूर्व ही हड़ताल की सूचना दे दी गई थी. जिसके कारण हड़ताल के पूर्व ग्राहकों की काफी भीड़ रही. 

मौके पर अरार शाखा प्रबंधक अविनाश कुमार, यूबीजीबी श्रीनगर के उदित प्रियम, आरबीओ मधेपुरा कामेश्वर चौधरी, अमरेंद्र कुमार, मो मेराज, उदाकिशुनगंज शाखा प्रबंधक कुंदन कुमार, आरसीटी लखन रजक, सिंघेश्वर शाखा प्रबंधक गौरंग प्रसाद सिंह, बैंक ऑफ इंडिया की गम्हरिया शाखा प्रबंधक देव शरण, केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक सन्नी कुमार, यूनियन बैंक के रामटहल पासवान, एसबीआई सिंघेश्वर से शैलेंद्र कुमार, महेंद्र प्रसाद यादव, दिनेश प्रसाद गुप्ता, आदित्य श्रीवास्तव, शत्रुघ्न प्रसाद साह, धर्मनाथ ठाकुर, पीके शर्मा, सूरज कुमार, महेंद्र मलिक, महेश कुमार, यदु नंदन पासवान, मंजू देवी, ललिता देवी सहित अन्य बैंक के कर्मचारी उपस्थित रहे.
(रिपोर्ट: मुरारी सिंह)
बैंककर्मी 2 दिनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर: मधेपुरा में प्रतिदिन ₹ 350 करोड़ राजस्व का नुकसान बैंककर्मी 2 दिनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर: मधेपुरा में प्रतिदिन ₹ 350 करोड़ राजस्व का नुकसान Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 30, 2018 Rating: 5

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