पैर मंच पर पड़ते ही गूंजती है तालियों की गडगडाहट: मासूम का नालंदा में जलवा

मधेपुरा की मासूम ने नृत्य के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। 10वीं की छात्रा मासूम ने भगवान महावीर के जन्मोत्सव अवसर पर नालंदा के कुंडलपुर में आयोजित कुंडलपुर महोत्सव में बतौर नृत्य कलाकार के रूप में आमंत्रित किया गया था।


बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के सौजन्य से मार्च को आयोजित कुंडलपुर महोत्सव में मासूम ने अपने नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया। इनके नृत्य को देखकर बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सहित सबों ने खड़े होकर उन्हें बधाई दी।

मासूम ने बहुत ही कम समय में नृत्य के क्षेत्र में कदम बढ़ाया। मासूम की मां कुमारी किरण सिंह कला मंदिर मधेपुरा की निदेशिका है। उनके पिता मुकुंद कुमार शतरंज एसोसिएशन के मधेपुरा जिले के सचिव हैं। मासूम बचपन से ही नृत्य के प्रति आकर्षित हुई वह टीवी में नृत्य देखकर इसका अभ्यास करने लगी थी। मासूम ने लोकगाथा, सेमी क्लासिकल, क्लासिकल, वेस्टर्न डांस सहित गीत संगीत में भी अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है।

मासूम को नृत्य के क्षेत्र में कई बड़े-बड़े पुरस्कार भी मिल चुके हैं। 2012 से डांस के क्षेत्र में इन्होंने पटना, कटिहार सहित कई जगहों पर जाकर कई मेडल प्राप्त कर चुकी है। पटना में डांस इंडिया डांस के सिद्धेश भाई के द्वारा आयोजित वर्कशॉप में इन्हें बेस्ट डांसर का अवार्ड भी मिला था। प्रसिद्ध नृत्य कलाकार डिटो मैम और क्लासिकल गायक बिरजू महाराज को आदर्श मानने वाले मासूम ने 2014 में पॉल मार्शल के वर्क शॉप में कटिहार में और 2015 में पटना में आयोजित इंडिया गॉट टैलेंट के विनर रोहन रोपड़ फाल्के पुरस्कार से सम्मानित ने इन्हें सम्मान स्वरूप पुरस्कृत किया। 2016 में बेस्ट डांसर मयूरेश वाडेकर ने इन्हें सम्मानित किया। 2017 में स्टार प्लस के डांस शो में सिलेक्शन होकर इन्होंने मधेपुरा में अपनी एक अलग पहचान बनाई। मासूम का कहना है कि दसवीं की परीक्षा के कारण वह स्टार प्लस के शो में भाग नहीं ले सकी। 29 मार्च 2018 को भगवान महावीर जन्मोत्सव पर आयोजित कुंडलपुर महोत्सव में इन्होंने अपने जलवे का सबको दीवाना बना दिया। 2012 में कोसी महोत्सव और 2017 में सिंघेश्वर महोत्सव में भी इन्होंने अपने उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन किया था।

मासूम नृत्य संगीत के साथ साथ शतरंज में भी रुचि रखती है। शतरंज के क्षेत्र में जिले में प्रथम स्थान और राज्य में छठा स्थान प्राप्त कर चुकी मासूम नृत्य को अपना प्रोफेशन बनाना चाहती है। उनका मानना है कि वह बिरजू महाराज के सानिध्य में कुछ विशेष सीखना चाहती है। कुंडलपुर महोत्सव में मासूम को ग्रामीण विकास मंत्री सहित अन्य मंत्रियों ने उन्हें भगवान महावीर का मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। 

मासूम के पिता मुकुंद कुमार और मां कुमारी किरण सिंह का कहना है कि मासूम के इच्छा के अनुसार नृत्य आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे रहे हैं। मासूम ने कहा कोसी क्षेत्र में कलाकारों की कमी तो नहीं है लेकिन उसके कला के प्रदर्शन के लिए कोई उचित मंच नहीं रहने से परेशानी हो रही है। उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से कलाकारों को सुविधा मुहैया कराने की भी मांग की है। मासूम वेस्टर्न डांस में भी महारत हासिल कर चुकी है। उनके पैर जब मंच पर होते हैं तो दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से इसका स्वागत करती है।
(नि. सं.)
पैर मंच पर पड़ते ही गूंजती है तालियों की गडगडाहट: मासूम का नालंदा में जलवा पैर मंच पर पड़ते ही गूंजती है तालियों की गडगडाहट: मासूम का नालंदा में जलवा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 04, 2018 Rating: 5
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