मधेपुरा में बिना गार्ड के एटीएम, लोग होते रहते हैं सायबर क्राइम के शिकार

मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड में बिना सुरक्षा गार्ड के ही चलता है. एक एटीएम जिसके वजह से आए दिन साइबर क्राइम होते रहते हैं।


मालूम हो कि चौसा प्रखंड अंतर्गत एसबीआई का दो एटीएम लगा हुआ है जिस में से मुख्य शाखा का एटीएम महीने में पच्चीस दिन ख़राब ही रहता है। जिसमे दो दो सुरक्षा गार्ड है। जो दूसरा उस में सुरक्षा गार्ड उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से आए दिन लोगों के एटीएम बदले चले जाते हैं. इस के शिकार अक्सर बुजुर्ग और महिलाओं होती है। ए टी एम के अंदर एक साथ दर्जनों लोग प्रवेश कर जाते हैं और दूसरे के गोपनीयता की तक झांक करते हैं जिसकी वजह से लोगों की गोपनीयता खतरे में पड़ जाती है और कई लोगों के गोपनीयता तथा कई के ए टी एम तक बदल जाते। बदलकर उसके खाते से पैसे उड़ा ले जाते हैं ऐसी घटना दर्जनों बार घट चुकी है । 

लेकिन विभाग है कि इसमें एक सुरक्षा गार्ड प्रदान नहीं करती है। लोगों का कहना है की कोई भी ए टी एम बिना गार्ड का नहीं होता है।यह एकलौता ए टी एम है जिस में गार्ड नहीं । कुछ लोगो का कहना है कि  गार्ड तो बहाल हुआ होगा लेकिन विभाग के मिली भगत से घर बैठे रुपया बटोर रहे होंगे। चाहे गरीबों का रुपया उड़ जाए।जब इस बाबत एस बी आई शाखा प्रबंधक रमेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ए टी एम दो तरह से लगाया जाता है। खुद से एस बी आई देख रेख करती दूसरा किसी कंपनी के द्वारा देख रेख किया जाता है जो मुख्य शाखा में ए टी एम है वह एस बी आई के देख रेख में है उसमें दो सुरक्षा गार्ड हैं लेकिन दूसरा ए टी एम किसी एन सी आर एजेंसी द्वारा संचालित है जो कि बिना गार्ड का है और इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते।  धारक को चाहिए की वह खुद अपनी पैसे की सुरक्षा करें।

वहीँ समाज सेवी संजय कुमार यादव ने कहा कि कोई ऐसा दिन नहीं होगा कि यहाँ कोई औरत या बुजुर्ग रोता हुआ नहीं नजर आता होगा कि मेरा पैसा किसी ने निकल लिया। बिना गार्ड के तो अच्छा होगा कि यह ए टी एम ही बंद करवा दिया जाए।
मधेपुरा में बिना गार्ड के एटीएम, लोग होते रहते हैं सायबर क्राइम के शिकार मधेपुरा में बिना गार्ड के एटीएम, लोग होते रहते हैं सायबर क्राइम के शिकार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 23, 2018 Rating: 5
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