संविदा डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर, चरमराई स्वास्थ्य सेवा

मधेपुरा जिले  में संविदा पर के डाक्टर्स और कर्मी के हड़ताल के दूसरे दिन सोमवार से जिले तमाम  नियोजन पर काम कर रहे एम बी बी एस डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने पीएचसी से  सदर अस्पताल तक में सन्नाटा पसर चुका है और जिले भर में रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


बता दें कि संविदा संघ के अहवान पर पर जिले के आयुष चिकित्सक, डीपीएम, डाटा आपरेटर, आशा ममता सहित 2500 सौ स्वास्थकर्मी सोमवार से हड़ताल पर चले जाने से खसकर ग्रामीण क्षेत्र मे स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है ।  मालूम हो कि जिले में 25 नियोजन पर एमबीबीएस डॉक्टर जो विभिन्न स्वास्थ्यपर पद स्थापितहै जिसमे सदर अस्पताल मे 6 पदस्थापित है । डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने रोगियो को भारी परेशानी हो रही है

संविदा संघ कर्मी ने सदर अस्पताल परिसर में अपनी मांग के समर्थन मे जमे रहे ।आन्दोलन कर रहे कर्मियों ने कहा हम सरकार को चरणबद्ध आन्दोलन के प्रथम दिन ही अपनी मंशा से स्पष्ट करा दिया था लेकिन सरकार ने हमारी मांग को गम्भीरता से नही लिया और हम हड़ताल पर जाने को विवश हुए । उन्होने कहा कि आन्दोलनकारी अपनी मांग पर चट्टानी एकता पर कायम है, हमारी मांग जब तक सरकार नही मानती आन्दोलन जारी रहेगा ।
 
मधेपुरा के सिविल सर्जन डॉ. गदाधर गदाधर प्रसाद पांडेय ने भी माना कि जिले भर में स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है. बताया कि पीएचसी मे प्रभारी को छोड़कर सभी चिकित्सक नियोजन पर  थे ।
 हड़ताली  कर्मी सदर अस्पताल मे अपनी मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. जिनमें मुल्ख्य रूप से आलोक कुमार, सुधा संध्या ,नवनीत चन्द्रा,संजीव ,कुमार बबलू कुमार,तेजेन्द्र कुमार,वंटी कुमार, चंदन कुमार,राज कुमार, लल्लू कुमार,रूपक रंजन, कुणाल कुमार, मो नौशाद अंसारी ,अमित कुमार,आशा कुमारी,अमरेन्द्र कुमार आदि थे

उधर हड़ताली संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को जिले के पुरैनी पीएचसी के समक्ष प्रदर्शन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री और सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इनके हड़ताल पर रहने की वजह से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है।संविदा पर बहाल कर्मीयो  का कहना है कि सरकार जब तक हमारी मांगे पुरी नही करती, हम हड़ताल पर डटे रहेंगे। हड़ताल के वजह से  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे ओपीडी कार्य ठप रहा। संघ के नेतृत्व कर रहे स्वास्थ्य प्रबंधक अरूण कुमार नेतृत्व ने कहा कि प्रदेश की सरकार हम लोगों की जायज मांगों के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। हमलोगों से नियमित कर्मियों के बराबर काम लिया जाता हैं, लेकिन उनकी तरह मानदेय नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि जबतक सरकार हमारी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर समान काम के बदले समान वेतन देने की घोषणा नहीं कर देती, तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

जिले के घैलाढ प्रखंड मुख्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत संविदा कर्मी के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से आम जनता में परेशानी होना लाजमी है। बता दें कि इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में राजभर के लगभग 80 हजार स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं, इससे पहले भी जूनियर डॉक्टर की हड़ताल की वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कई बार प्रभावित हो चुकी है। जिस वजह से कई मरीज को जान भी गंवानी पड़ी थी. जिले से लेकर पीएचसी में आने वाले मरीज एवं उनके परिजन पुर्जा कटाने से लेकर अन्य कार्यों के लिए अस्पताल परिसर में इधर से उधर भटकते देखे गए।
(अख्तर वसीम/ पियूष राज /लालेंद्र)
संविदा डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर, चरमराई स्वास्थ्य सेवा संविदा डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर, चरमराई स्वास्थ्य सेवा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 05, 2017 Rating: 5
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