न्याय की गुहार लगाते-लगाते मौत की नींद सो गयी किरण, नहीं जगा सिस्टम

एक बहुत पुरानी कहावत है नीम हकीम खतरा-ए-जान। इसका अर्थ यह है कि ऐसा व्यक्ति जिसके पास डॉक्टरी का अधूरा ज्ञान है, वह आपकी जान खतरे में डाल सकता है। 


लेकिन अशिक्षा और जागरूकता के अभाव का आलम यह है कि बड़ी-बड़ी डिग्री लिखे आकर्षक बोर्ड के झांसे व बिचैलिये द्वारा दिलाए गए भरोसे की जद में आकर आसानी से ऐसे फर्जी डॉक्टर की चंगुल में लोग फंस जाते हैं, जो ईलाज के नाम पर सरेआम मौत बांट रहे होते हैं और इन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ सरकार व सिस्टम कुछ नहीं कर पाती. हाल में जिले भर में कई मामले सामने आ चुके है। मधेपुरा जिला मुख्यालय के भिरखी में भी एक महिला की मौत के मामले में फर्जी डॉक्टर सुदर्शन जेल जा चुका है.

मधेपुरा जिले के पुरैनी मुख्यालय बाजार में कि पछले छः माह से आकर्षक और बड़ी-बड़ी डिग्री लिखी क्लिनिक उपचार के नाम पर सरेआम लोगों की जिन्दगी से खेलते रहे नीतु सेवा सदन के नाम से एक फर्जी क्लिनिक संचालित कर जहां अबतक सैकड़ों विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन को अंजाम दिया चुका है, वहीं उक्त क्लिनिक में जहां प्रसव के साथ-साथ, सिजेरियन ऑपरेशन तथा एपेंडिसाइटिस सहित विभिन्न प्रकार का ऑपरेशन भी किया जाता रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि नीतु सेवा सदन में अबतक जितना भी मरीजों का ऑपरेशन हुआ, उन्हें न तो पुर्जा दिया जाता है और न ही दवाई का वाउचर. सब मौखिक, यहां तक कि दवाई भी स्वयं नीतु सेवा सदन के द्वारा ही दिया जाता है। 

मामला प्रकाश में तब आया जब पुरैनी के डुमरैल निवासी मनोज राम की पत्नी किरण देवी का ऑपरेशन भी उक्त क्लिनिक में हुआ और जब ऑपरेशन के उपरान्त मरीज की हालत गंभीर हो गयी तो डाक्टर ने यहाँ उसे डरा धमका कर भगा दिया. फिर पीडिता के पति द्वारा अपनी पत्नी को पूर्णियां और फिर मायांगज, भागलपुर इलाज को ले जाया गया तो पता चला की मरीज अब बचने के लायक नहीं है. उधर गरीबी व बेबसी के मारे मनोज राम अपनी पत्नी को घर ले आए और मामले को लेकर  थाना व पीएचसी में लिखित आवेदन देकर उक्त फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कारवाई की गुहार लगायी. लेकिन सप्ताह बीत गये कुछ नहीं हुआ. इसी बीच दूसरी तरफ बुधवार की देर रात्रि में मनोज राम की पत्नी किरण देवी सदा के लिए नींद में सो गई। 

मौत के बाद प्रशासन व डॉक्टर के खिलाफ आक्रोषित होकर परिजन शव को लेकर पुरैनी थाना पहुंचे जहां मृतका के पति के द्वारा पुरैनी थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी की मांग की गयी. वहीं शव को पोस्टर्माटम हेतु सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया गया। 

इस बाबत थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन ने बताया कि मृतका के पति द्वारा डॉक्टर के खिलाफ दिये गए आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. फिलहाल शव को पोस्टमार्टम हेतु मधेपुरा भेज दिया गया है। 
न्याय की गुहार लगाते-लगाते मौत की नींद सो गयी किरण, नहीं जगा सिस्टम न्याय की गुहार लगाते-लगाते मौत की नींद सो गयी किरण, नहीं जगा सिस्टम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 09, 2017 Rating: 5
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