कृष्ण ने दिया कर्म का उपदेश : कुलपति


'भाग्वद्गीता' मात्र एक धर्म-ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन-ग्रंथ भी है। इसमें कृष्ण ने निष्काम कर्म का   जो संदेश दिया है, वह आज भी प्रसांगिक  है। यह बात कुलपति प्रोफेसर डॉ. अवध किशोर राय  ने कही। वे बुधवार की रात गोपाष्टमी महोत्सव के समापन समारोह में बोल रहे थे।

कुलपति ने कहा कि अर्जुन आम मनुष्य का प्रतीक है। जैसे हम लोग अक्सर मोहग्रस्त हो जाते हैं, वैसे ही महाभारत के युद्ध में अर्जुन मोहग्रस्त हो गया था। अर्जुन सोचने लगा कि अपने गुरूजनों एवं परिजनों पर कैसे वाण चलाएँ। इस तरह वह अपने स्वधर्म से पलायन कर रहा था। तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को 'भग्वद्गीता' का संदेश दिया- निष्काम कर्म का संदेश दिया।

कुलपति ने कहा कि कृष्ण का संदेश है कि हम निरंतर कर्म करें. हमेशा अपने स्वधर्म का पालन करें। पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ अपने-अपने निर्धारित कर्म करें। विद्यार्थी पढाई पर ध्यान केंद्रित करें। शिक्षक भी शिक्षण एवं शोध में दिनरात लगे रहें। कर्मचारी ससमय अपने फाइलों का निष्पादन करें। अभिभावक भी सजग रहें और शिक्षा के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएँ।

कुलपति ने कहा कि मधेपुरा के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। वे पठन -पाठन, खेल-कूद, कला-संस्कृति सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की क्षमता रखते हैं। यहाँ की प्रतिभाओं को समुचित प्रशिक्षण देकर उन्हें निखारने की जरुरत है। युवाओं की उर्जा को सकारात्मक दिशा देने की जरुरत है।

कुलपति ने कहा कि बिहार के दूसरे जिलों में मधेपुरा की शिक्षा-व्यवस्था के बारे में गलत धारणा बन गयी है। हमें गलत धारणाओं को बदल देना है। लोग देखें कि हमारे विद्यार्थी किस तरह अध्ययन-अध्यापन, खेल-कूद, संगीत-नृत्य आदि सभी क्षेत्रों में आगे हैं। सभी देखें कि मधेपुरा में ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति, धर्म एवं प्रेम की धारा बह रही है।

समारोह में डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, डा. आर. के. पप्पू, पृथ्वीराज यदुवंशी, अमन कुमार आदि उपस्थित थे।
कृष्ण ने दिया कर्म का उपदेश : कुलपति कृष्ण ने दिया कर्म का उपदेश : कुलपति Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 07, 2017 Rating: 5
Powered by Blogger.