‘मेरा शरीर जहाँ भी रहे आत्मा यहीं बसती रही है’: सेवानिवृत होने पर महिला बीईओ ने कहा

मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के सेवानिवृत होने पर स्थानीय विरेन्द्र कला भवन में विदाई समारोह आयोजित किया गया । इस दौरान उपस्थित हजारों शिक्षक शिक्षिकाओं, अधिकारियों एवं समाज सेवियों ने उन्हें नम आँखों से विदाई दिया ।


बीईओ नीलम कुमारी के विदाई समारोह में उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में  किये गये कार्यो की विस्तृत चर्चा भी की गई । समारोह की शुरूआत पं0 विष्णुकान्त मिश्र के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वस्ति वाचन एवं स्वागत गान राधिका बिहारी, दुर्गा एवं स्वाति के द्वारा अतिथियों का किया गया ।

समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षक सुरेन्द्र साह, मुकुन्द प्र0 यादव, सियाराम मोची जिला उपाध्यक्ष, रघुनंदन शर्मा, नीरज कुमार यादव, विजय भगत, मनोज कुमार मनोहर, कुंज बिहारी सिंह, मोहन प्यारे, जयकृष्ण प्रसाद गंगापुर, शंभु कुमार मेहता, मुकेश कुमार यादव, अमरेश राम, ब्रजबिहारी यादव, अचुतानंद सिंह, महानंद यादव सहित अन्य लोगों ने सेवानिवृत हुए बीईओ नीलम कुमारी के कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि नीलम कुमारी प्रखंड क्षेत्रों में दस वर्षों तक अपनी सेवा दी । इस दौरान इनके द्वारा किये गये कार्य कुशलता से प्रखंड के क्षेत्र में शिक्षा के कई महत्वपूर्ण योगदान रहा है. ये कठिन से कठिन परिस्थिति में भी शिक्षकों छात्रों एवं अभिभावकों के साथ मिलकर समस्याओं का हल बखूबी निकालते हैं । इन्होने अपने पद के साथ न्याय किया है ये अपने दस साल के कार्यक्रम में बेदाग रहे.

मौके पर सेवानिवृत शिक्षा पदाधिकारी नीलम कुमारी ने भावुक स्वर से सभी शिक्षकों को धन्यवाद देते हुऐ कहा कि वे इतनों दिनो तक आलमनगर में रहे, उन्हे कभी भी आभास भी नहीं हुआ कि वे अधिकारी हैं । उन्होने कहा कि मेरा शरीर जहाँ भी रहे आत्मा आलमनगर में बसती रही है । यहाँ के लोगों के प्यार से मैं वशीभूत हूँ । 

इस दौरान सेवानिवृत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिक्षकों द्वारा अंगवस्त्र के रूप में शाल एवं सोने की अंगूठी पहना कर समान्नित किया गया, वहीं शिक्षक अचुतानंद सिंह, राजेश कुमार भारती, सौरव कुमार, रधुनंदन शर्मा, संजय कुमार पासवान, सुनील कुमार, अमरेश राम, सुरेन्द्र कुमार साह, विपीन कुमार सिंह, विजय भगत, नूतन कुमारी, श्वेता कुमारी, सिन्हा,चाॅंदनी कुमारी, किरण कुमारी, सुनयना कुमारी, रेखा कुमारी, शबनम कुमारी मंडल, चंचला सागार के द्वारा माला अर्पण किया गया.
 (रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
‘मेरा शरीर जहाँ भी रहे आत्मा यहीं बसती रही है’: सेवानिवृत होने पर महिला बीईओ ने कहा ‘मेरा शरीर जहाँ भी रहे आत्मा यहीं बसती रही है’: सेवानिवृत होने पर महिला बीईओ ने कहा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 08, 2017 Rating: 5
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