गाजे-बाजे के साथ 501महिलाओं को लेकर निकाली भव्य कलश शोभायात्रा

दुर्गापूजा को लेकर मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत रामपुर पंचायत के पवित्र सुरसर नदी से कुछ दूरी पर गुरुवार सुबह 10 बजे भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गयी.

जिसमें 501 महिलाएं सुरसर नदी में जल भरने के उपरांत कलश को सिर पर रख कर रामपुर के विभिन्न वार्ड का भ्रमण करते हुए, दुर्गा स्थान पहुंची.

कलश यात्रा में गाजे-बाजे के साथ लगभग पांच सौ से अधिक महिला व कुंवारी कन्याओं ने भाग लिया. हिंदू मान्यता के अनुसार कुंवारी कन्याओं का इस पूजा में विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि कलश के मुख्य में सभी देवी देवताओं का वास है. इस कारण कलश यात्रा का अपना एक अलग धार्मिक महत्व है. कलशस्य मुखे विष्णु कंठे रुद्र समाश्रिताः मूलेतस्य स्थितो ब्रह्मा मध्ये मात्र गणा स्मृताः। कुक्षौतु सागरा सर्वे सप्तद्विपा वसुंधरा. अर्थात्‌ सृष्टि के नियामक विष्णु, रुद्र और ब्रह्मा त्रिगुणात्मक शक्ति लिए इस ब्रह्माण्ड रूपी कलश में व्याप्त हैं. समस्त समुद्र व द्वीप, इस वसुंधरा एवं ब्रह्माण्ड के संविधान, चारों वेद इस कलश में स्थान लिए हुए हैं.

प्रो० अरविन्द लाल दास ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर काफी पुरानी है. इसका नवनिर्माण ग्रामीणों के सहयोग के किया जा रहा रहा है. इस मंदिर में अध्यक्ष पद पर रामसुंदर यादव, सचिन महानंद यादव, यादव कोषाध्यक्ष जनेश्वर यादव, वारिस सदस्य के रूप के रूप में उदभीदर झा, जनेश्वर लाल दास, तथा मंदिर के पुजारी के रूप में मन्नु झा द्वारा मंदिर के सारे कार्यकलापों का संचालन किया जा रहा है. धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है. देवी पुराण के अनुसार माँ भगवती की पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश की स्थापना की जाती हैं. नवरा‍त्रि के दिनों में मंदिरों और घरों में कलश स्थापित किए जाते हैं., तथा माँ दुर्गा की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. दुर्गापूजा को लेकर भव्य कलश शोभा यात्रा में गांव के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. मेला को लेकर लोगों में काफी उत्साह है.
 
गाजे-बाजे के साथ 501महिलाओं को लेकर निकाली भव्य कलश शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ 501महिलाओं को लेकर निकाली भव्य कलश शोभायात्रा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 21, 2017 Rating: 5
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