सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रही हड़ताल, धरना और नारेबाजी


फोटो: मुरारी सिंह
मंगलवार कॊ युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर जिले के सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों में हड़ताल के कारण कामकाज ठप्प रहा । बैंक कर्मियों ने स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के समक्ष धरना देकर अपने 17 सूत्री मांगो के समर्थन में नारे लगाये ।

बैंक अधिकारी संघ के अध्यक्ष कुंदन कुमार और सचिव अविनाश कुमार के नेतृत्व में आयोजित धरना के दौरान बताया गया कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण और इन बैंकों का आपस में विलय और एकीकरण का षडयंत्र किया जा रहा है, जिसे हम बैंक कर्मी बर्दाश्त नही करेंगे । बताया यह भी गया कि  सरकारी योजनाओं में जबरन निवेश करवाया जाता है लेकिन ऋण की  वापसी भगवान भरोसे छोड़ दी जाती है और खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है । हमारी सेवा स्थिति बदतर होती जा रही है कार्य के मुकाबले अत्यल्प कर्मी हैं और नयी नियुक्तियां नाम मात्र कॊ होती है । ऐसी विषम स्थिति के विरुध्द हमलोग सत्रह सूत्री माँग रख कर एक दिवसीय हड़ताल कर संघर्ष का बिगुल फूँक रहे हैं ।

इनकी प्रमुख माँगे हैं, सरकारी बैंकों का निजीकरण, विलय या एकीकरण की नीति बंद की जाय, प्रस्तावित एफ़ आर डी आई  बिल कॊ हटाया जाय, जानबूझ कर ऋण वापस नही करना कॊ अपराध माना जाय, विमुद्रीकरण और सरकारी योजनाओं की लागत क्षतिपूर्ति सरकार करे, अनुकम्पा और पेंशन का लाभ बैंक कर्मियों कॊ दिया जाय इत्यादि.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रही हड़ताल, धरना और नारेबाजी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रही हड़ताल, धरना और नारेबाजी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 22, 2017 Rating: 5
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