'गाँधी और अम्बेडकर दोनों ने सामाजिक उत्थान चाहा': डॉ. फारूक अली

महात्मा गाँधी और डॉ. अंबेडकर दोनों ने समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान हेतु अथक प्रयास किया। यह बात पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक प्रोफेसर डॉ. रामजी सिंह ने कही।  


वे रविवार को टी. पी. कालेज के राजकीय अंबेडकर छात्रावास में 'गाँधी और अंबेडकर' विषयक संवाद में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि गाँधी और अंबेडकर दोनों के लक्ष्य एक ही थे।  लक्ष्य प्राप्ति के रास्ते थोड़े अलग-अलग थे। दोनों में कुछ मुद्दों पर मतभेद भी था, लेकिन मनभेद नहीं था। दोनों ने अपने-अपने ढंग से देश-समाज को आगे बढाने में अपनी अपनी महती भूमिका निभायी। दोनों एक-दूसरे के पूरक थे।

बीएनएमयू के प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ. फारूक अली ने कहा कि गाँधी और अंबेडकर दोनों ने देश के नव-निर्माण में योगदान दिया है। दोनों ने एक समतामूलक भारत का सपना देखा था। लेकिन वह सपना आज तक अधूरा है। हमें दोनों के विचारों को साथ लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छात्रावासअधीक्षक डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि गाँधी मानते थे कि पहले भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलानी है। जब देश राजनीतिक रूप से आजाद हो जाएगा, तो हम अपनी सामाजिक  बुराइयों एवं समस्याओं का स्वतः समाधान हो जाएगा। गाँधी के विपरीत डॉ. अंबेडकर का मानना था कि राजनीतिक आजादी से अधिक सामाजिक आजादी पहले  जरूरी है। हमें पहले अपनी सामाजिक संरचना को न्यायपूर्ण बनाने की जरूरत है। सामाजिक आजादी के बगैर राजनीतिक आजादी अधूरी है। 

कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन टी. पी. कालेज में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुधांशु शेखर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन छात्रावास नायक राजकुमार रजक ने किया। कई लोगों ने विषय से संबंधित प्रश्न भी किया, जिसका वक्ताओं ने यथोचित उत्तर दिया।

इस अवसर पर  रंजन कुमार, सौरभ कुमार, संतोष कुमार, गौरब कुमार सिंह, रौशन, निशांत कुमार, नीतीश कुमार, सुभाष, अनिल, मनीष, चंदन, विपीन आदि उपस्थित थे।

'गाँधी और अम्बेडकर दोनों ने सामाजिक उत्थान चाहा': डॉ. फारूक अली 'गाँधी और अम्बेडकर दोनों ने सामाजिक उत्थान चाहा': डॉ. फारूक अली Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 30, 2017 Rating: 5
Powered by Blogger.