मौसम ने किसानों को नहीं दिया सँभलने: कुछ ही देर में लाखों की मकई फसल बर्बाद

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत पडवा नवटोल  में शुक्रवार की शाम 6:00 बजे के बाद पुनः बादलों की गड़गड़ाहट एवं तेज हवाओं के साथ बारिश शुरु हो गई.

पडवा नवटोल  के पंचायत समिति सदस्य ममता कुमारी ने बताया कि पिछले 2 दिनों से चल रही आंधी तूफान के कारण हमारे 5 बीघे मकई की फसल तहस नहस हो चुकी है. तेज आंधी से कई छोटे छोटे घर हमारे पंचायत में गिर चुके हैं. लगभग तैयार दो फसलें पूरी तरह लेट हो गई खलिहान में रखी गेहूं की फसल इन बारिश हो के कारण अब आने लगी है. कल शाम से ही हमारे पंचायत में बिजली व्यवस्था भी बाधित मौसम में आये बदलाव ने किसानों को संभलने का मौका भी नहीं दिया और कुछ ही देर में लाखों की फसल को व्यापक नुकसान हो गया।

कृषि विभाग नुकसान का सही-सही आकलन करने में जुट गयी है। मौसम में करवट लेने से हताश किसानों ने प्रशासन और राहत की मांग की है। अहले सुबह लगभग ढाई बजे के बाद आंधी के साथ हुई बारिश से बम्फर ऊपज की आस लगाये बैठे किसानों की कमर ही टूट गई है। दरअसल खेत में गेहूं की फसल लगभग तैयार हो चुकी थी। इस बार समय पर सिंचाई होने से किसान काफी खुश थे। लेकिन बेमौसम आंधी के साथ हुई बारिश से मक्का और गेहूं के पौधे खेत में गिर गये है.

आपदा प्रबंधन विभाग के नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा में 33 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति होने पर मुआवजा मिलता है। यह मुआवजा सिंचित जमीन के लिए 13.5 हजार तथा बारिश पर निर्भरता वाली जमीन के लिए 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है।
मौसम ने किसानों को नहीं दिया सँभलने: कुछ ही देर में लाखों की मकई फसल बर्बाद मौसम ने किसानों को नहीं दिया सँभलने: कुछ ही देर में लाखों की मकई फसल बर्बाद Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 22, 2017 Rating: 5
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