सुपौल जिले और प्रखंड के घोंघररिया पंचायत स्थित तुलसियाही गांव में रविवार को दिन भर जश्न का माहौल था. क्योंकि यहां वार्ड नंबर चार निवासी चंदेश्वर यादव एवं वार्ड सदस्या प्रमीला देवी की पुत्री वीणा की शादी की तैयारी चल रही थी. दिन भर की तैयारी के बाद गांव वासी बारात आने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. बहन की डोली उठने के बजाय भाई की अर्थी उठ गयी. घटना के बाद परिजन व ग्रामीणों में कोहराम मच गया और शादी के जश्न के बीच महिलाओं के करूण क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया. अपने होने वाले पति के संग सात फेरे लेने का सपना संजोयी वीणा अपने भाई के शव के साथ लिपट कर रो रही थी.
जानकारी अनुसार वीणा के शादी की सभी तैयारियां जोर-शोर के साथ पूरी की जा रही थी.कुछ ही क्षणों में बारात के पहुंचने की भी सूचना थी. वीणा भी दुल्हन के लिबास में सज-धज कर अपने वैवाहिक जीवन के लिये सुनहरे सपने संजो रही थी. लेकिन तभी ऐसा हादसा हुआ कि उसके सारे सपने पल भर में चकनाचूर हो गये. शाम करीब 08:30 बजे वीणा का बड़ा भाई वीरेंद्र कुमार पूजा घर में बिजली की गड़बड़ी को दूर करने का प्रयास कर रहा था. तभी अचानक करंट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.
घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया और जहां शहनाई की गूंज होनी चाहिये उस जगह महिलाओं के करूण क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया. घटना की सूचना मिलने के बाद सरोजा कोनी से आ रही बारात को बीच रास्ते से ही लौटना पड़ा. मृतक वीरेंद्र की पत्नी शोभा, बहन वीणा व माता-पिता की चीत्कार से उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो रही थी. वीरेंद्र अपने पीछे एक छह वर्षीय पुत्र सोनू कुमार व दो पुत्री चार वर्षीया पूजा व दो वर्षीया काजल छोड़ गये हैं.
जानकारी अनुसार वीणा के शादी की सभी तैयारियां जोर-शोर के साथ पूरी की जा रही थी.कुछ ही क्षणों में बारात के पहुंचने की भी सूचना थी. वीणा भी दुल्हन के लिबास में सज-धज कर अपने वैवाहिक जीवन के लिये सुनहरे सपने संजो रही थी. लेकिन तभी ऐसा हादसा हुआ कि उसके सारे सपने पल भर में चकनाचूर हो गये. शाम करीब 08:30 बजे वीणा का बड़ा भाई वीरेंद्र कुमार पूजा घर में बिजली की गड़बड़ी को दूर करने का प्रयास कर रहा था. तभी अचानक करंट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.
घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया और जहां शहनाई की गूंज होनी चाहिये उस जगह महिलाओं के करूण क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया. घटना की सूचना मिलने के बाद सरोजा कोनी से आ रही बारात को बीच रास्ते से ही लौटना पड़ा. मृतक वीरेंद्र की पत्नी शोभा, बहन वीणा व माता-पिता की चीत्कार से उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो रही थी. वीरेंद्र अपने पीछे एक छह वर्षीय पुत्र सोनू कुमार व दो पुत्री चार वर्षीया पूजा व दो वर्षीया काजल छोड़ गये हैं.
बहन की डोली के बदले उठी भाई की अर्थी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 28, 2016
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