पूर्ण शराबबंदी के असर को जानने डीएम और एसपी पहुंचे गाँव: महिलाओं और लोगों ने बांधे नीतीश कुमार की तारीफ़ के पुल
मधेपुरा के डीएम मो सोहैल और एसपी विकास कुमार ने सरकार द्वारा लागू पूर्ण शराब बंदी के प्रभाव को नजदीक से जानने के लिए ग्रामीणों के बिच मधेपुरा के महेशुआ पंचायत के बिरैली गांव पहुंचे.
बता दें कि जिले में सबसे ज्यादा शराब की खपत और पीने वालो की संख्यां बिरैली में ही बताई जा रही थी. डीएम और एसपी के बिरैली पहुँचते ही सरकार द्वारा लागू किये गये शराब बंदी को लेकर महिलाओं का नजरिया और उनकी ख़ुशी देखते ही बन रही थी. अपनी ख़ुशी का इजहार करने महिलाएं अपने अपने घरों से निकल कर सामने इस कदर आ रही थी मानों उनके नए पंख निकल आये हों. बताया कि नीतीश कुमार के शराब बंदी के निर्णय ने उनके स्वप्निल पंखों में उम्मीदों के अरमान भर दिये हैं. उन्हे लगने लगा है अब उनके बच्चे भी अच्छे खाना खा सकते है, अच्छे कपड़े पहन सकते हैं, अब उनके बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर बडे अफसर बन सकेंगे. महिलायें शराब बंदी के बाद घर मे हुऐ बदलाव को बताते नही थक रही थी. कई महिलाओं ने नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुऐ कहा अगर नीतीस बाबू तुलसी और गुटखा पर रोक लगा दे तो एक और गंदगी समाज से समाप्त हो जायेगी.
वहीँ मुखिया प्रत्याशी राज कुमार मेहता ने कहा पहले हम दारु पीने सिंहेश्वर तक चले जाते थे और भर दिन ‘भकुआयल’ रहते थे. शराब बंदी के बाद घर का माहौल बदल गया है. अब दिन मे दो बार भूख लगती है. गाँव की महिला सतनी देवी ने कहा कि ‘पहले त घरो चलावे मे काफी परेशानी है रहै, जे कमबै रहै दारुये मे खर्चा कैर दै रहै, आब सब पैसा घरे मे रैह जाय छै”. फुलिया देवी ने कहा कि पहले पति अगर दो सौ रुपया कमा कर लाते थे तो आधा पैसा शराब में ही चला जाता था. पहले घर मे रोज रोज मारपीट, कलह होता था. षराब बंदी के बाद घर के साथ-साथ समाज मे भी शांति का माहौल है और तो और पति, पत्नी और बच्चो के बीच प्यार भी बढा है. बाबादाय देवी ने बताया पहले खुले आम सडक पर लोग षराब पी कर चलते थे और धुत हो कर रास्ते मे पडे रहते थे, जिसके कारण पूरे समाज का माहौल गंदा बना रहता था. स्कूली छात्रा रुबी कुमारी ने कहा पहले हर चौक-चौराहा पर लोग दारु पी कर अंटशंट बकते रहते थे, हमलोगो को उधर से स्कूल जाने मे उनकी फब्तियों के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पडता था. आज नीतीश कुमार के शराब बंदी के कारण पूरे गाँव का माहौल बदल गया है.
रेखा भारती डीएम के सामने अपनी खुशी नही दबा पाई और कहा कि अब हमारा लडका भी डाक्टर और इंजीनियर बनेगा. हालांकि पति के पीने की बात को नकारी लेकिन कुछ ही देर के बाद खुल कर घर के अच्छे माहोल की पूरी कहानी सुनाने लगी. उसने कहा कि अब हमारे पति शाम में बच्चो को पढाने भी लगे हैं.
एसपी श्री कुमार ने महिलाओ को समझाते हुऐ कहा कि अगर आपके आसपास शराब पीते या बेचते दिखे तो तुरंत हमे 100 नंबर पर सूचना दें आपकी पहचान गुप्त राखी जायेगी. मौके पर एसडीओ संजय कुमार निराला, डीपीएम मिथलेश कुमार, जीविका की सीसी सविता कुमारी, मनोज कुमार सिंह, जीविका मित्र विकास कुमार आदि मौजूद थे.
कुल मिलाकर नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी महिलाओं और अमन पसंद लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. आज ही मधेपुरा टाइम्स कार्यालय में एक्सक्लूसिव बातचीत में जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा था कि जब भी बिहार का स्वर्णिम इतिहास लिखा जाएगा, नीतीश कुमार के शराबबंदी की चर्चा उसमे जरूर होगी. उसी तरह मधेपुरा में पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने में जिलाधिकारी मो० सोहैल और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के योगदान को मधेपुरा के लोग कभी नहीं भुला पायेंगे.
बता दें कि जिले में सबसे ज्यादा शराब की खपत और पीने वालो की संख्यां बिरैली में ही बताई जा रही थी. डीएम और एसपी के बिरैली पहुँचते ही सरकार द्वारा लागू किये गये शराब बंदी को लेकर महिलाओं का नजरिया और उनकी ख़ुशी देखते ही बन रही थी. अपनी ख़ुशी का इजहार करने महिलाएं अपने अपने घरों से निकल कर सामने इस कदर आ रही थी मानों उनके नए पंख निकल आये हों. बताया कि नीतीश कुमार के शराब बंदी के निर्णय ने उनके स्वप्निल पंखों में उम्मीदों के अरमान भर दिये हैं. उन्हे लगने लगा है अब उनके बच्चे भी अच्छे खाना खा सकते है, अच्छे कपड़े पहन सकते हैं, अब उनके बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर बडे अफसर बन सकेंगे. महिलायें शराब बंदी के बाद घर मे हुऐ बदलाव को बताते नही थक रही थी. कई महिलाओं ने नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुऐ कहा अगर नीतीस बाबू तुलसी और गुटखा पर रोक लगा दे तो एक और गंदगी समाज से समाप्त हो जायेगी.
वहीँ मुखिया प्रत्याशी राज कुमार मेहता ने कहा पहले हम दारु पीने सिंहेश्वर तक चले जाते थे और भर दिन ‘भकुआयल’ रहते थे. शराब बंदी के बाद घर का माहौल बदल गया है. अब दिन मे दो बार भूख लगती है. गाँव की महिला सतनी देवी ने कहा कि ‘पहले त घरो चलावे मे काफी परेशानी है रहै, जे कमबै रहै दारुये मे खर्चा कैर दै रहै, आब सब पैसा घरे मे रैह जाय छै”. फुलिया देवी ने कहा कि पहले पति अगर दो सौ रुपया कमा कर लाते थे तो आधा पैसा शराब में ही चला जाता था. पहले घर मे रोज रोज मारपीट, कलह होता था. षराब बंदी के बाद घर के साथ-साथ समाज मे भी शांति का माहौल है और तो और पति, पत्नी और बच्चो के बीच प्यार भी बढा है. बाबादाय देवी ने बताया पहले खुले आम सडक पर लोग षराब पी कर चलते थे और धुत हो कर रास्ते मे पडे रहते थे, जिसके कारण पूरे समाज का माहौल गंदा बना रहता था. स्कूली छात्रा रुबी कुमारी ने कहा पहले हर चौक-चौराहा पर लोग दारु पी कर अंटशंट बकते रहते थे, हमलोगो को उधर से स्कूल जाने मे उनकी फब्तियों के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पडता था. आज नीतीश कुमार के शराब बंदी के कारण पूरे गाँव का माहौल बदल गया है.
रेखा भारती डीएम के सामने अपनी खुशी नही दबा पाई और कहा कि अब हमारा लडका भी डाक्टर और इंजीनियर बनेगा. हालांकि पति के पीने की बात को नकारी लेकिन कुछ ही देर के बाद खुल कर घर के अच्छे माहोल की पूरी कहानी सुनाने लगी. उसने कहा कि अब हमारे पति शाम में बच्चो को पढाने भी लगे हैं.
एसपी श्री कुमार ने महिलाओ को समझाते हुऐ कहा कि अगर आपके आसपास शराब पीते या बेचते दिखे तो तुरंत हमे 100 नंबर पर सूचना दें आपकी पहचान गुप्त राखी जायेगी. मौके पर एसडीओ संजय कुमार निराला, डीपीएम मिथलेश कुमार, जीविका की सीसी सविता कुमारी, मनोज कुमार सिंह, जीविका मित्र विकास कुमार आदि मौजूद थे.
कुल मिलाकर नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी महिलाओं और अमन पसंद लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. आज ही मधेपुरा टाइम्स कार्यालय में एक्सक्लूसिव बातचीत में जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा था कि जब भी बिहार का स्वर्णिम इतिहास लिखा जाएगा, नीतीश कुमार के शराबबंदी की चर्चा उसमे जरूर होगी. उसी तरह मधेपुरा में पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने में जिलाधिकारी मो० सोहैल और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के योगदान को मधेपुरा के लोग कभी नहीं भुला पायेंगे.
पूर्ण शराबबंदी के असर को जानने डीएम और एसपी पहुंचे गाँव: महिलाओं और लोगों ने बांधे नीतीश कुमार की तारीफ़ के पुल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 01, 2016
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