कभी-कभी जहाँ छोटी सी दुर्घटना में भी लोगों की जान चली जाती है, वहीँ कभी-कभी जब देखने में बड़ी दुर्घटना में चोटें हलकी होती हैं तो अक्सर लोगों के मुंह से निकल जाता है, ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय.
आज सुबह मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में भी एक दुर्घटना ऐसी घटी जो भयानक थी, पर दो वाहनों के जोरदार टक्कर में सवारों को हलकी चोटें और खरोचें आई. टक्कर सुबह के करीब 11 बजे एन एच 107 पर एक मोटरसायकिल और सवारी ढोने वाले मैक्सी टेम्पो के बीच हुई. सौभाग्य से दुर्घटना के वक्त टेम्पो मे सवारी नहीं थी और वह पूर्णियां से आ रही थी. मोटरसायकिल (BR43 E 2924) पूर्णियां की ओर जा रही थी पर मुरलीगंज गौशाला चौक पर दोनों भयानक दुर्घटना का शिकार हो गए.
दुर्घटना स्थल को देखने ऐसा प्रतीत होता है कि शायद ही मोटरसायकिल सवार बचा होगा. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टेम्पो का ड्राइवर नींद मे झपकी लेने के चक्कर मे यह हादसा कर बैठा. पर मुरलीगंज दुर्गा स्थान चौक निवासी मोटरसायकिल चालक सागर सिंह पिता राजकुमार सिंह को हादसे के हिसाब से हल्की चोटें हैं, हालांकि चेहरे पर खरोचें आई हैं. शरीर का कोई अंग भंग नहीं हुआ है और वे बाल-बाल बच गए हैं.
आज सुबह मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में भी एक दुर्घटना ऐसी घटी जो भयानक थी, पर दो वाहनों के जोरदार टक्कर में सवारों को हलकी चोटें और खरोचें आई. टक्कर सुबह के करीब 11 बजे एन एच 107 पर एक मोटरसायकिल और सवारी ढोने वाले मैक्सी टेम्पो के बीच हुई. सौभाग्य से दुर्घटना के वक्त टेम्पो मे सवारी नहीं थी और वह पूर्णियां से आ रही थी. मोटरसायकिल (BR43 E 2924) पूर्णियां की ओर जा रही थी पर मुरलीगंज गौशाला चौक पर दोनों भयानक दुर्घटना का शिकार हो गए.
दुर्घटना स्थल को देखने ऐसा प्रतीत होता है कि शायद ही मोटरसायकिल सवार बचा होगा. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टेम्पो का ड्राइवर नींद मे झपकी लेने के चक्कर मे यह हादसा कर बैठा. पर मुरलीगंज दुर्गा स्थान चौक निवासी मोटरसायकिल चालक सागर सिंह पिता राजकुमार सिंह को हादसे के हिसाब से हल्की चोटें हैं, हालांकि चेहरे पर खरोचें आई हैं. शरीर का कोई अंग भंग नहीं हुआ है और वे बाल-बाल बच गए हैं.
“जाको राखे...”: भयानक सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 05, 2016
Rating:
No comments: