"अगर फिर अपना कर्म चुनने को मिले तो शिक्षिका ही बनना चाहूंगी": वरीय शिक्षिका सीता देवी हुई सेवानिवृत

मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित केशव कन्या उच्च विद्यालय में वरीय विज्ञान शिक्षिका सीता देवी की सेवानिवृत्ति के मौके पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर सेवानिवृत हो रही विज्ञान शिक्षिका सीता देवी ने कहा कि बच्चों को शिक्षा देना किसी बगीचे को सींचने सदृश्य है. अगर अपना कर्म फिर चुनने को मिले तो मैं शिक्षिका ही बनना चाहूंगी. यह कार्य मेरे दिल के काफी करीब है. भले ही आज वह सेवा निवृत हो रही है. लेकिन विद्यालय तथा बच्चे उनकी आत्मा में सदैव बसे रहेंगे.
     समारोह में सीता देवी को विद्यालय के शिक्षक रमण कुमार एवं अनिल कुमार ने बुके प्रदान कर सम्मानित किया. वहीं काजल कुमारी स्नेहा राज, सूची कुमारी, कुमारी काजल, प्राची कुमारी, कृतिलता, शिखा रानी ने  स्वागत गान प्रस्तुत किया. जिला शिक्षा पदाधिकारी बद्री नारायण मंडल ने कहा कि सरकारी सेवा से सेवानिवृति एक अनिवार्य प्रक्रिया है पर वो व्यक्तित्व सदैव याद रखे जाते है जो अपने कर्म क्षेत्र में विशिष्ट कार्य कर लोगों के दिलों में बस जाते है. 31 वर्ष के अपने सेवा काल में सीता देवी द्वारा काफी बच्चों को शिक्षा प्रदान किया गया है. आज विदाई की बेला में उनके स्वस्थ्य जीवन की कामना करते हुए यह आशा  है कि निजी तौर पर लोगों को शिक्षा प्रदान करना सदैव जारी रहेगा. इसके अलावा अन्य रचनात्मक कार्य भी वे करेंगी.
   केशव कन्या की प्राचार्या विभा कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि सीता मैडम को एक कर्तव्यनिष्ठ, समयनिष्ठ, छात्राओं से प्रेम पूर्वक व्यवहार करने वाली अनुशासन प्रिय शिक्षिका के रूप में सदैव याद रखा जायेगा.
       सीता देवी ने अपने पैतृक गांव कबियाही से 1971 में गोरेलाल उच्च विद्यालय से मैट्रिक किया फिर एसएम महिला कॉलेज भागलपुर से इंटर तथा टीपी कॉलेज मधेपुरा से विज्ञान में स्नातक की डिग्री लेकर गोरेलाल उच्च विद्यालय कबियाही से ही शिक्षिका के रूप में 1985 से अपना सफर शुरू किया. सात मार्च 1986 से केशव कन्या उच्च विद्यालय में लगातार आज तक विज्ञान शिक्षिका के रूप में कार्यरत है. 
     केशव कन्या  विद्यालय की शिक्षिका नीतू कुमारी ने कहा कि 'जिंदगी के अधूरे पथ पर आशा और निराशा है, मिलना और बिछुड़ना यही जिंदगी की परिभाषा है', न सलाम याद रखियेगा न पैगाम याद रखिएगा, किसी को भूल जायेंगे मगर उनका किया हुआ काम याद रखिएगा. वहीं शिक्षक रामचंद्र यादव ने कहा कि सीता देवी अपने कार्यकाल में बच्चों को एक पौधे की तरह सींचा है. जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है. वरीय शिक्षक उपेंद्र यादव ने कहा कि विदाई का समय हृदय विदारक होता है. यह समय दुबारा जीवन में कभी लौट कर नहीं आता है. 
      कार्यक्रम को वरीय सेवानिवृत शिक्षक विद्यानंद यादव, माध्यमिक शिक्षक संघ प्रमंडलीय उपाध्यक्ष प्रमेश्वरी यादव, डा अरूण कुमार यादव, रघुनाथ प्रसाद यादव, तारणी प्रसाद यादव, विरेंद्र प्रसाद यादव, अमरेंद्र प्रसाद यादव, कपिल देव प्रसाद यादव, जय कृष्ण यादव, टीपी कॉलेजिएट के प्रभारी प्राचार्य डा सुरेश कुमार भूषण, जय कृष्ण यादव, कृष्ण कुमार यादव, आभा कुमारी, यादव विक्रम, पंकज कुमार, रोहन भीष्म,  मुकेश कुमार, अमन कुमार सुधा कुमारी, प्रतिमा कुमारी,  संतोष कुमार, बलभ्रद प्रसाद यादव,  राम नारायण यादव, विष्णुदेव, अमरेंद्र यादव, रामेंद्र यादव, कपिलदेव प्रसाद आदि ने भी संबोधित किया. मौके पर विद्यालय के बच्चे भी उपस्थित थे. 
(ए.सं.)
"अगर फिर अपना कर्म चुनने को मिले तो शिक्षिका ही बनना चाहूंगी": वरीय शिक्षिका सीता देवी हुई सेवानिवृत "अगर फिर अपना कर्म चुनने को मिले तो शिक्षिका ही बनना चाहूंगी": वरीय शिक्षिका सीता देवी हुई सेवानिवृत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 30, 2016 Rating: 5

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