कोसी में भी जरूरी है मोकामा की तर्ज पर पैथोलॉजी में डायरेक्ट टू विलेज सर्विस (DTVS)

बिहार के मोकामा प्रखंड के सुदूर तोले से बुजुर्ग या गर्भवती महिला का उनके घर से पैथोलॉजी सैम्पल लेकर रिपोर्ट पहुँचाना. सोचने में असंभव तो नहीं पर मुश्किल जरूर लगता है. यही समझ डॉ. प्रभात रंजन जिन्होंने एम. डी. पैथ (पीजीआई, चंडीगढ़ व  International Fellow of College of American Pathologist) को लगा. पांच साल पहले जब विदेश की नौकरी छोड़ पटना में पैथोलॉजी सेंटर शुरू करने के बाद 50 से ज्यादा मेडिकल कैम्प और स्वास्थ्य जागरूकता शिविर गाँवों में लगाने के दरम्यान यह महसूस किया कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में सही पैथोलॉजी जांच की जरूरत है. ख़ास कर उस परिवार या इंसान को जिनके पास यातायात की अपनी सुविधा नहीं है. शहरों में तो होम कलेक्शन की सुविधा हमेशा मौजूद है, पर ग्रामीण इलाकों के इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है.

डायरेक्ट टू विलेज सर्विस: इस समस्या को समझने के बाद डॉ० प्रभात रंजन ने मोकामा प्रखंड के 30 से ज्यादा गाँव में डायरेक्ट टू विलेज सर्विस (DTVS) की शुरुआत की. जाहिर था इसमें कई कठिनाइयाँ भी आई. सबसे बड़ी समस्या टोले के दुर्गम इलाके में यातायात की सुविधा का न होना और पगडंडियों के अलावे कोई और रास्ता न होना था. बरसात के दिनों में उन रास्तों में कई किलोमीटर पैदल चलना था. लेकिन उन घरों में रहने वाली महिलाओं का सिर्फ हीमोग्लोबीन टेस्ट या किसी वृद्ध का ब्लड सुगर टेस्ट कर वहीँ रिपोर्ट देने का काम आनंददायक महसूस होता है. डॉ० प्रभात रंजन टोले में घूमते लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछते हैं और स्वास्थ्य तथा पैथोलॉजी जांच की उपयोगिता का एक नया सुप्रभात देखन एक सुखमय एहसास था. इस तरह की सर्विस से गाँव के लोगों में भी अब सही पैथोलॉजी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता साफ़ दिखाई देने लगी है. सही मायने में ये एक अलग तरह की समाज सेवा ही है.
    कोसी का इलाका भी बिहार में स्वास्थ्य सुविधा के मामले में काफी पिछड़ा है. मधेपुरा, सहरसा और सुपौल जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों में जहाँ सरकारी स्वास्थ्य सेवा बदहाल है, वहीँ स्वास्थ्य और बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता का भो घोर अभाव है. वैसी बीमारियों से भी हो रही मौतों की संख्यां काफी है जिन्हें समय रहते पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. ऐसे में यदि चिकित्सा को सेवा भाव समझने वाले डॉक्टरों को डायरेक्ट टू विलेज सर्विस जैसी ही सेवा देनी होगी.
    डॉ० प्रभात रंजन कहते हैं कि डायरेक्ट टू विलेज सर्विस (DTVS) का विस्तार बिहार के और गाँव में भी करने की जरूरत है तब ही स्वस्थ बिहार की कल्पना साकार हो सकेगी.
(वि.सं.)
कोसी में भी जरूरी है मोकामा की तर्ज पर पैथोलॉजी में डायरेक्ट टू विलेज सर्विस (DTVS) कोसी में भी जरूरी है मोकामा की तर्ज पर पैथोलॉजी में डायरेक्ट टू विलेज सर्विस (DTVS) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 29, 2016 Rating: 5

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