मधेपुरा में नकली नोट के साथ एक गिरफ्तार: क्या अज्ञानता में भी लोग जा रहे हैं जेल?

जिले को नकली नोट के कारोबारियों ने अपने गिरफ्त में ले लिया है, पर मामले में फंसने वाले कई लोगों की पृष्ठभूमि को देखकर ऐसा भी अंदाजा किया जा सकता है कि पुलिस की गिरफ्त में आये कुछ लोग निर्दोष भी होते हैं.
       जिले के गम्हरिया प्रखंड के बभनी स्टेट बैंक की शाखा में आज जब बभनी पंचायत के ही सखुआ भूट के रहने वाले महेश यादव 20 हजार रूपये जमा करने आये तो बैंक के सहायक कैशियर मनीष आनंद ने पाया कि उन रूपयों में से 9500 रूपये जिनमे सभी 500 के नोट थे, नकली हैं. बैंक ने पुलिस को फोन किया तो गम्हरिया पुलिस महेश यादव नमक व्यक्ति को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई.
        पूछताछ में गिरफ्तार महेश यादव ने बताया कि उसने सिंहेश्वर हाट में 25 हजार रूपये में भैंस बेची थी और उसमे से 5 हजार रूपये उसने अपने पड़ोसी को दिए और बाकी के 20 हजार रूपये बैंक में जमा करने आया था. महेश ने बताया कि वह उस व्यापारी को चेहरे से पहचानता है और उससे पुलिस की मुलाक़ात करवा सकता है. महेश की बातचीत से अंदाजा लग रहा था कि नोट न पहचानने की अज्ञानता में उसने नकली रूपये ले लिए थे. वैसे सच्चाई जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.
       कोसी में भले ही नकली नोटों के कारोबार का जाल बिछा हो, पर अक्सर इस जाल में वैसे लोग फंसते हैं जिन्हें इस बात का कभी अंदाजा नहीं रहता है कि उसकी जेब में जो नोट हैं वो असली नहीं है. इस गोरख धंधे के कारोबारियों का भी उद्येश्य उनके नोटों को आम लोगों के हाथ में ही पहुँचाना होता है. देखा जाय तो असली और नकली नोटों में अंतर भी इतना कम होता है जिसे पहचानना कम पढ़े लिखे लोगों के लिए मुश्किल होता है. समस्या गंभीर है और फिलहाल ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है. सवाल उठता है कि नकली नोट के कारोबारियों के चक्कर में आमलोग कबतक जेल की हवा खाते रहेंगे?
मधेपुरा में नकली नोट के साथ एक गिरफ्तार: क्या अज्ञानता में भी लोग जा रहे हैं जेल? मधेपुरा में नकली नोट के साथ एक गिरफ्तार: क्या अज्ञानता में भी लोग जा रहे हैं जेल? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 01, 2015 Rating: 5

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