सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकने के लिए बना COTPA कानून मधेपुरा में असरहीन

 सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान भले ही प्रतिबंधित हो गया है पर मधेपुरा में अभी भी इसके लिए बने कानून को सही तरीके से लागू होने में काफी वक्त लग सकता है. वैसे भी इस तरह के कानूनों को लागू करवाना कहीं भी प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. क्योंकि इससे सम्बंधित कानून ‘कोटपा’ को जब भी आम नागरिक तोड़ेंगे तो हर जगह पुलिस खड़ी नहीं रहेगी.
    मधेपुरा में सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान सामान्य सी बात है. दरअसल ऐसा भी है कि इसपर प्रतिबन्ध से सम्बंधित कानून की लोगों की सही जानकारी भी नहीं है. जिला प्रशासन भी आमलोगों को कानून की जानकारी देने में असफल रहा है. शराबखोरी और तम्बाकू उत्पादों सहित अन्य तरह के धूम्रपान के खिलाफ दशकों से मधेपुरा समेत बिहार में सबसे सफल अभियान चलने वाले मधेपुरा के गंगा  दास कहते हैं कि जिले में उन्होंने सिर्फ समाहरणालय परिसर में धूम्रपान पर रोक सम्बंधित एक बोर्ड देखा है और इसके अलावे कहीं भी प्रशासन के द्वारा कोई प्रयास उनकी नजर में नहीं है.
    श्री दास भारतीय तम्बाकू नियंत्रण कानून (COTPA) की जानकारी देते हुए बताते हैं कि इस कानून की धारा 4के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों, जैसे सरकारी भवन, सार्वजनिक परिवहन, होटल, रेस्टोरेंट, पार्क, अस्पताल, विद्यालय इत्यादि पर धूम्रपान निषेध है और इसके उल्लंघन पर 200 रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावे COTPA की धारा में तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर प्रतिबन्ध, धारा 6 में नाबालिगों द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचा जाना या किसी भी शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू बेचने पर प्रतिबन्ध पर जुर्माना आदि की भी बात है, पर इसका सही ढंग से पालन नहीं हो रहा है.
    जबकि मधेपुरा के थानाध्यक्ष मनीष कुमार बताते हैं कि कोटपा के कानून को लागू कराने में मधेपुरा पुलिस गंभीर है और हाल में भी सार्वजनकि स्थान पर धूम्रपान करते कई लोगों को अर्थदंड से दण्डित किया गया है. (वि.सं.)
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकने के लिए बना COTPA कानून मधेपुरा में असरहीन सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकने के लिए बना COTPA कानून मधेपुरा में असरहीन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 30, 2015 Rating: 5

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