पसरा अथाह दर्द: कहीं बहन ने किया भाई का पिंडदान, कहीं दादा ने पोती का, कहीं पति ने पत्नी का तो कहीं बेटी ने रो-रोकर किया माँ का पिंडदान

मधेपुरा जिले में तूफ़ान पीड़ितों का दर्द असीमित है. तबाही और मौत के बाद रीति-रिवाज भी बिखर गए. सदमे में मृतकों की चिता को आग देने आगे आये संबंधों ने इलाके को फिर से रूला दिया.
 मौत के बाद मुरलीगंज प्रखंड के डुमरिया निवसी मृतक डबलू कुमार के चिता की आग बुझा कर उसके कर्म के लिए बहन दुलारी कुमारी ने अपने कलेजे को मजबूत कर कर अपने भाई का प्रथम पिण्ड दान किया. वहीं डुमरिया निवासी मृतका रानी कुमारी के दादा ने उनके आत्मा की शान्ति के लिए रो रो कर अपने पौत्री का पिण्ड दान किया. रमणी निवासी मृतका बिन्दा देवी पति फेकू यादव को पुत्र नहीं रहने से बेटे का फर्ज भी पति ने ही निभाया. मृतिका की पुत्री सुलेखा देवी ने अपनी माँ की चिता की आग बुझा कर उसके आत्मा की शान्ति के लिए प्रथम पिण्ड दान रो-रोकर किया. उधर जिले के अन्य प्रखंडों में भी मृतकों के घर के दृश्य ह्रदय विदारक हैं.
 उधर जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर जिले भर की तबाही का तात्कालिक आकलन कर लिया है और राहत कार्य में भी तेजी ला दी गई है. पर सरकारी राहत सिर्फ नियमों के तहत तत्कालिक रूप से परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए होगा. जिन घरों में मौतें हुई हैं उनकी क्षतिपूर्ति कर पाना शायद अब ऊपर वाले के हाथ में भी नहीं है.
पसरा अथाह दर्द: कहीं बहन ने किया भाई का पिंडदान, कहीं दादा ने पोती का, कहीं पति ने पत्नी का तो कहीं बेटी ने रो-रोकर किया माँ का पिंडदान पसरा अथाह दर्द: कहीं बहन ने किया भाई का पिंडदान, कहीं दादा ने पोती का, कहीं पति ने पत्नी का तो कहीं बेटी ने रो-रोकर किया माँ का पिंडदान Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 24, 2015 Rating: 5

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