जानें, सरकार क्यों नहीं शराब की दुकानें बंद कर देती है ?: मद्यनिषेध दिवस पर प्रशासन की लोगों से शराब की लत छोड़ने की अपील
सरकार शराब की दुकानें क्यों नहीं बंद कर देती है के
सवाल पर मधेपुरा के जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने कहा कि सरकार के द्वारा दुकानें बंद
कर देने से शराब बंद नहीं होगा. सरकार की तरफ से यदि शराब की दुकानें न हो तो लोग
कहीं न कहीं से खोज लेंगे, और ऐसे में लोग स्तरहीन, घटिया शराब पीना शुरू कर
देंगे. जहरीली शराब होगी और लोग उसे पीकर मर सकते हैं. इसलिए सरकार की सबसे बड़ी
प्राथमिकता शराब बना कर उसे महँगी दर पर बेचना है. लोग अपनी लक्ष्मण रेखा खुद तय
करें. आदत दोस्तों के साथ अक्सर लगती है. इससे बचना चाहिए. यदि किसी को कोई लत लगी
हो तो उसे परिवार वाले निगेटिव और साइड इफेक्ट बताएं और इसे छुडवाने का प्रयास
करें. इसके बदले में वे कोई अन्य चीज जैसे कोल्ड ड्रिंक्स या जूस आदि पिलाकर उसे
छुडाने का प्रयास करे. फिर भी यदि आदत नहीं छूटती है तो सीमित तरीके से पीकर घर
में रहें. शराब पीकर कहीं गिरे नहीं और गाड़ी न चलायें.
26
नवंबर यानि मद्य निषेध दिवस पर उत्पाद एवं मद्य निषेध मधेपुरा के द्वारा आज जिला
समाहरणालय के सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम में मधेपुरा के डीएम ने उक्त बाते
कहीं. मौके पर जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने खुद के अनुभव के बारे में बताते हुए कहा
कि मेरे गाँव में लोग शराब पीते हैं पर मेरे पिताजी का इन सबसे दूर रहना मेरे लिए
रामबाण साबित हुआ. मैं पन्द्रह साल हॉस्टल में रहा, पर मैंने कभी इन चीजों की तरफ
ध्यान नहीं दिया. बच्चों को भी घरवालों के शराब पीने से रोकने में भूमिका होनी
चाहिए.
मौके पर
मधेपुरा के एसपी आनंद कुमार सिंह ने कहा कि बहुत ही हानिकारक है शराब. लोगों को
समझाने की जरूरत है कि इससे लीवर खराब होता है, उसका असर शरीर पर पड़ता है और कम ही
उम्र में वे चल बसते हैं. सरकार के दूकान बंद करने से समस्या का समाधान नहीं होगा.
तब लोग कहीं-कहीं से खोजकर पीना शुरू करेंगे और उसमें वे जहरीली शराब भी खोज सकते
हैं. समाज को भी आगे आने पड़ेगा. सामजिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है. अपनी सोच को
बदलना होगा.
वहीँ
मधेपुरा के एडीएम अबरार अहमद कमर ने कहा कि शराब अच्छी चीज नहीं है. लोग पीना छोड़
देंगे तो सरकार खुद शराब की दुकानें बंद कर देगी. बच्चों में सिगरेट आदि की लत भी
देखी जा रही है. लोग अच्छी बातें कह तो देते हैं, पर उसपर अमल करना काफी मुश्किल
होता है. किसी को शराब जैसी चीज छुडवाने के लिए जबरदस्ती मत कीजिए, इससे वह और भी
पीना चाहेगा. उसी बातों से समझाइये.
एक शायरी में माध्यम से श्री कमर ने कहा कि-
‘इकबाल बड़ा उपदेशक था, मन बातों से मोह लेता था
गुफ्तार का गाजी बन तो गया, किरदार
का गाजी बन न सका.’
यानि
सिर्फ कहने से नहीं होगा बल्कि उपदेशों पर अमल करने की जरूरत है.
समाहरणालय के सभागार में स्कूली बच्चों ने भी मद्य
निषेध पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये और चित्रकला, निबंध आदि प्रतियोगिता में भाग
लेकर लोगों को शराब न पीने का सन्देश दिया. मौके पर कई बच्चों को पुरस्कृत भी किया
गया.
जिले भर में कई कार्यक्रम आयोजित
किये गए. स्कूली बच्चों ने भी बैनर के साथ प्रभातफेरी निकाल कर लोगों से शराब न
पीने की अपील की.
जानें, सरकार क्यों नहीं शराब की दुकानें बंद कर देती है ?: मद्यनिषेध दिवस पर प्रशासन की लोगों से शराब की लत छोड़ने की अपील
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 26, 2014
Rating:
No comments: