मधेपुरा में बदली अपहरण का परिभाषा, अब फिरौती नहीं शादी के लिए होता है अपहरण

शादी के लिए प्रति माह होते हैं आधा दर्जन युवकों के अपहरण
|मंजू कुमारी|18 अक्टूबर 2014|
शादी के लिए आसमान छू रही दहेज की मांग व कमरतोड़ महंगाई ने मधेपुरा में अपहरण की परिभाषा ही बदल दी है. आलम यह है कि दहेज के अभाव में बेटी की शादी  करने में विफल पिता अब अपहरण का सहारा ले रहे हैं. इस कार्य को अंजाम देने वाले अपराधियों के गिरोह होते हैं जिनकी मदद से लड़कों का अपहरण कर बेटियों की शादी  की जाती है. पुलिस के फाइलों मे दर्ज मामलों को देखे तो जनवरी से जुलाई 2014 तक जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में शादी के लिए कुल 41 लड़कों का अपहरण किया गया है.  
क्या कहते हैं आंकड़े: पुलिस रिकार्ड में दर्ज मामलें माहवार निम्न है.
      माह              संख्या
     जनवरी     -         04
     फरवरी     -         08
     मार्च       -         09
     अप्रैल      -         01
     मई        -         10
     जून       -          04
     जुलाई     -          05

कार्रवाई के नाम पर पुलिस करती है रिश्ते पक्के: अक्सर देखा गया है कि शादी के लिए होने वाले अपहरण के मामले में पुलिस भी भावनात्मक रूप लड़की वालों के ही साथ होते हैं और किसी तरह समझा-बुझा कर दोनों पक्षों को रिश्ते की डोर में बांधने का प्रयास करती दिखती है.
क्या कहते हैं पुलिस पदाधिकारी: मुख्यालय डीएसपी व पुलिस प्रवक्ता योगेन्द्र प्रसाद सिंह का कहना है कि बढती महंगाई और दहेज के बढ़ते मांग के सामने लड़की वालों के सामने कोई विकल्प नहीं बच जाता है. पहले तो वे सामाजिक रूप से शादी करने का प्रयास करते हैं किंतु जब लड़का पक्ष के द्वारा मांगी गई रकम को पूरा करने में असफल हो जाते हैं तो अपहरण का सहारा लेकर बेटी की शादी  कर लेते है.
मधेपुरा में बदली अपहरण का परिभाषा, अब फिरौती नहीं शादी के लिए होता है अपहरण मधेपुरा में बदली अपहरण का परिभाषा, अब फिरौती नहीं शादी के लिए होता है अपहरण Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 18, 2014 Rating: 5

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