पुलिस लिखे मोटरसाइकिल से मारा सायकिल सवार को धक्का: उलटे जमा रहे थे रौब, पर मामला पड़ गया उल्टा

|मुरारी कुमार सिंह|17 अप्रैल 2014|
मधेपुरा में पुलिस लिखे मोटरसायकिलों की भरमार सी है और लोग कहते हैं कि इन मोटरसायकिल पर सवार लोग या तो पुलिस से जुड़े भी नहीं हैं या फिर उनका कोई दूर का रिश्तेदार पुलिस में होता है. माना जाता है कि ये फर्जी पुलिस वाले एक तो रौब ज़माने के लिए ऐसा करते हैं और फिर पुलिस की चेकिंग से बचना भी इनका उद्देश्य हुआ करता है. इनके जेहन में एक और बात होती है कि यदि ये कहीं दुर्घटना भी कर डालते हैं तो ये वहां से आसानी से बचकर निकल जाते हैं.
      इसी तरह का एक मामला आज दिन में जिला मुख्यालय के मछली बाजार के पास देखने को मिला. पुलिस लिखे मोटरसायकिल सवार (मोटरसाइकिल नंबर BR 43 D 8051) ने एक सायकिल वाले को धक्का मारा तो जहाँ सायकिल सवार को चोटें भी आई वहीँ उसकी सायकिल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. पर ये क्या ? माफी मांगने की बजाय इस फर्जी पुलिस ने जख्मी सायकिल सवार पर रौब जमाते हुए कहा कि साले, चलो थाना, तुझे ठीक करता हूँ. सायकिल सवार डर से थाना जाने में आनाकानी कर रहा था और कह रहा था कि मेरी सायकिल ठीक करा दीजिए. पर मोटरसायकिल सवार उसे थाना ले जाने की जिद पर अड़ा हुआ था. लोगों की भीड़ चुपचाप तमाशा देख रही थी.
      पर जैसे ही मधेपुरा टाइम्स के इस संवाददाता ने मोटरसाइकिल सवार की तस्वीर लेकर उससे पूछताछ शुरू की तो पहले तो वह अड़ा, पर हमारे डपटते ही उसे लगा कि मामला फंस सकता है. गिरगिट की तरह रंग बदलते मोटरसाइकिल सवार अपनी गलती स्वीकार करते टूटी सायकिल को ठीक कराने को तैयार हो गया. इस दौरान वह अपना नाम और पता बार-बार बदलता रहा.
      लोगों का मानना था कि मोटरसाइकिल सवार भीड़ से निकलने के लिए झूठा रौब जमा रहा था और जैसे ही वह भीड़ से निकलता वह भाग जाता.  
पुलिस लिखे मोटरसाइकिल से मारा सायकिल सवार को धक्का: उलटे जमा रहे थे रौब, पर मामला पड़ गया उल्टा पुलिस लिखे मोटरसाइकिल से मारा सायकिल सवार को धक्का: उलटे जमा रहे थे रौब, पर मामला पड़ गया उल्टा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 17, 2014 Rating: 5

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