‘भ्रष्ट, गुंडा, घूसखोर’ थाना प्रभारी के हाथों बिक गए जदयू नेता ??


 वि० सं०/11/12/2012
'शरद यादव, नीतीश कुमार जिंदाबाद ! जिंदाबाद !!'
प्रिय इन्कलाबी साथियों, आपको मालूम है कि शंकरपुर थाना प्रभारी काफी भ्रष्ट गुंडा एवं घूसखोर है इनकी सांठ गाँठ अपराधी से है तथा थाने के अंदर दलालों से गठजोड़ है. थानाक्षेत्र में कई ऐसे जुल्म किये हैं जिससे वहां की जनता त्रस्त एवं भयभीत है.’(हैंडविल को पूरा पढ़ने के लिए साथ वाली तस्वीर पर क्लिक करें)
            इसी तरह की बुलंद आवाज के साथ शंकरपुर के जदयू नेताओं ने पिछले 23 नवंबर को विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन करने की बात की थी जिसमें कमिश्नरी भर के सत्ता दल के कई नेताओं के शामिल होने का दावा किया गया था. इनका शंकरपुर थानाध्यक्ष पर आरोप था कि उन्होंने मानवता की सीमा को पार कर प्रखंड अध्यक्ष पप्पू कुमार यादव के साथ बदसलूकी की थी. इनका ये भी आरोप था कि थानाध्यक्ष खुले आम बोलते हैं कि एसपी, एएसपी तथा आईजी मेरा अपना आदमी है अगर किसी की औकात है तो मेरा तबादला कराकर देख ले.
            होने वाले इस धरना से तो ऐसा ही लगा था कि इनकी आवाज सूबे के कोने-कोने तक जायेगी और फिर शंकरपुर थानाध्यक्ष का बैंड बज जाएगा. पर अचानक ऐसा क्या हुआ कि इनके आंदोलन का ही बैंड बज गया और इस विशाल धरना को स्थगित कर दिया गया?
            सूत्रों का मानना है कि होने वाले इस विशाल धरना प्रदर्शन को थानाध्यक्ष ने बड़ी चतुराई के साथ मैनेज कर लिया और यहाँ इस धरना की अगुआई कर रहे नेता ही भ्रष्ट और घूसखोर हो गए. यानि जदयू नेता यहाँ थानाध्यक्ष के हाथों बिक गए और कल तक के भ्रष्ट गुंडा एवं घूसखोर (जैसा ये कह रहे थे) थानाध्यक्ष अचानक से स्वच्छ, चरित्रवान और ईमानदार हो गए.
            सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये है कि थानाध्यक्ष पर पप्पू कुमार के साथ मानवता की सीमा पार कर बदसलूकी का आरोप लगा था. आप खुद समझ सकते हैं कि मानवता की सीमा के पार की बदसलूकी किस किस्म की हो सकती है. पर सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं को खुश कर दिया गया तो मानवता की सीमा पार की बदसलूकी भी शायद इन्हें भा गयी. हालांकि शंकरपुर थानाध्यक्ष प्रकाश झा पूरे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि उनलोगों ने खुद ही धरना वापस लेने का फैसला लिया था और उनपर हैंडविल में लगाये गए सारे आरोप गलत हैं.
            यदि सूत्रों की बात पर पूरी तरह भरोसा करें तो इस घटना से एक बात तय लगती है कि अभी भी बहुत सारे नेता ऐसे भी हैं जिनकी आप लाख बेइज्जती कर दें पर बाद में यदि आप इन्हें कुछ दे देते हैं तो ये पहले आपको भ्रष्ट और बाद में ईमानदार कहने में कोई कोर-कसर बाक़ी नहीं रखेंगे.
‘भ्रष्ट, गुंडा, घूसखोर’ थाना प्रभारी के हाथों बिक गए जदयू नेता ?? ‘भ्रष्ट, गुंडा, घूसखोर’ थाना प्रभारी के हाथों बिक गए जदयू नेता ?? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 11, 2012 Rating: 5

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